Donald Trump: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ट्रंप प्रशासन ने अन्य राज्यों से लगभग 700 नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने देश की राजधानी वाशिंगटन डीसी में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप ने कानून और व्यवस्था को बहाल करने के उद्देश्य से तीन रिपब्लिकन शासित राज्यों वेस्ट वर्जीनिया, साउथ कैरोलिना और एक अन्य राज्य से लगभग 700 नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वाशिंगटन डीसी में हिंसक अपराध और अराजकता की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए यह कदम जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि राजधानी में हत्या दर बोगोटा, मेक्सिको सिटी और इस्लामाबाद जैसे शहरों से भी अधिक है। ट्रंप ने इसे "सार्वजनिक सुरक्षा आपातकाल" करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार हिंसक गिरोहों और अपराधियों से राजधानी को मुक्त कराएगी।
वाशिंगटन डीसी की डेमोक्रेट मेयर म्यूरियल बाउजर ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि 2024 में वाशिंगटन में हिंसक अपराध 30 साल के निचले स्तर पर थे और 2025 में इसमें 26% की और कमी आई है। मेयर ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित और अलोकतांत्रिक करार दिया। उनके मुताबिक, ट्रंप का यह कदम स्थानीय प्रशासन की स्वायत्तता को चुनौती देता है।
आंकड़ों के अनुसार, 2023 में वाशिंगटन डीसी में हत्या दर 39.4 प्रति 100,000 थी, जो 2024 में घटकर 27.3 प्रति 100,000 हो गई। 2025 की पहली छमाही में हत्याओं में 11% की कमी दर्ज की गई। इसके बावजूद, ट्रंप ने पुराने आंकड़ों का हवाला देते हुए स्थिति को गंभीर बताया, जिसे विशेषज्ञों ने अतिशयोक्तिपूर्ण करार दिया है।
वेस्ट वर्जीनिया ने 300-400 सैनिक और साउथ कैरोलिना ने 200 सैनिक भेजने की प्रतिबद्धता जताई है। ये सैनिक स्थानीय पुलिस और संघीय एजेंसियों के साथ मिलकर गश्त करेंगे और संघीय संपत्तियों की सुरक्षा पर ध्यान देंगे। ट्रंप ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर और सैनिक तैनात किए जा सकते हैं।
इस फैसले के बाद वाशिंगटन डीसी में कई स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए जैसे "घर जाओ, फासीवादियो" और "हमारी सड़कों से हटो"। डेमोक्रेट नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे संघीय शक्ति का दुरुपयोग बताया है।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने नेशनल गार्ड का सहारा लिया है। 2020 में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हुए प्रदर्शनों और 2021 में कैपिटल हिल हमले के बाद भी नेशनल गार्ड की तैनाती की गई थी।