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Explainer: सनक में कुछ भी करते जा रहे हैं किम जोंग, क्या है उत्तर कोरिया के तानाशाह का नया ‘पूपगेंडा’ 

उत्तर कोरिया (North Korea) ने बैटरी, टॉयलेट पेपर और प्लास्टिक कचरे सहित कचरे के बैग ले जाने वाले लगभग 260 गुब्बारे दक्षिण कोरिया (South Korea) में भेजे। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के सर्वेसर्वा किम जोंग उन (Kim Jong Un) न केवल दक्षिण कोरिया बल्कि चीन और जापान से नाराज है।

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Why is North Korean dictator Kim Jong sending garbage balloons?

इस हफ्ते उत्तर कोरिया (North Korea) ने अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया को खिजाते हुए बहुत कुछ किया। इनमें एक असफल उपग्रह प्रक्षेपण, सैकड़ों कचरे से भरे गुब्बारे भेजना और 10 छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile)  दक्षिण कोरिया की ओर दागना शामिल है। आखिर, उत्तर कोरिया ऐसा क्यों कर रहा है

तीन देशों का संयुक्त बयान है वजह?

विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया के सर्वेसर्वा किम जोंग उन (Kim Jong Un) न केवल दक्षिण कोरिया बल्कि चीन और जापान से नाराज है। दरअसल, इन तीनों देशों ने इस सप्ताह एक दुर्लभ शिखर सम्मेलन किया और कहा कि वे 'कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण' (Nuclear Disarmament) के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे नाराज किम ने कहा कि देश के परमाणु शस्त्रागार को नष्ट करने के प्रयास हमारी 'संवैधानिक स्थिति' को नकारने और 'गंभीर राजनीतिक उकसावे' के बराबर हैं।

क्यों भेजे कचरे भरे गुब्बारे?

विशेषज्ञों के अनुसार जापान (Japan) और दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त बयान में परमाणु निरस्त्रीकरण को शामिल करने से उत्तर कोरिया 'चीन के प्रति अपनी असहजता' दिखा रहा है। उत्तर कोरिया ने बैटरी, टॉयलेट पेपर और प्लास्टिक कचरे सहित कचरे के बैग ले जाने वाले लगभग 260 गुब्बारे दक्षिण कोरिया (South Korea) में भेजे। रिपोर्टों में यहां तक दावा किया गया था कि गुब्बारे से जुड़ी कचरे की थैलियों में जानवरों का मल भरा हुआ था, जिससे 'प्रोपेगेंडा' की तरह 'पूपगेडा' शब्द भी इंटरनेट की सुर्खियां बना।

रूस का जुड़ाव, चीन नाराज?

सैटेलाइट मदद के बदले यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए रूस को हथियार भेजने का उत्तर कोरिया पर आरोप है। देश ने सोमवार को तरलीकृत ऑक्सीजन और केरोसिन जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल से उपग्रह प्रक्षेपण का असफल प्रयास किया। आमतौर पर ऐसा रूस करता है। दक्षिण कोरिया का आरोप है कि रूस व उत्तर कोरिया गठजोड़ बना रहे हैं। उधर, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि अब तक उत्तर कोरिया का पक्ष लेता आया चीन अब दक्षिण कोरिया के साथ मेलजोल बढ़ा रहा है।

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