Viral: ये ऊनी गेंडा बर्फीली जगहों पर ही पाया जाता है। 32 हज़ार साल बाद मिले इस गेंडे के शव की अब वैज्ञानिक जांच कर रहे हैं। वुली गैंडे हाथी की तरह एक विशालकाय जीव थे।
Viral: साइबेरिया की बर्फ में वैज्ञानिकों को 32 हजार वर्ष पुराने वुली गैंडे के अवशेष मिले हैं। यह पूरी तरह ममीकृत है, जिसे शिकारियों ने मारा था। इस गैंडे का दाहिना हिस्सा अच्छी तरह से संरक्षित है, जिसमें त्वचा और फर के धब्बे हैं, जो हजारों साल से उसी तरह बरकरार हैं, जैसे वह शुरुआत में थे। गैंडे के बाएं हिस्से को देखकर लगता है कि उस पर हमला किया गया था। रूसी विज्ञान अकादमी के शोधकर्ताओं की यह रिपोर्ट अर्थ साइंसेज जर्नल में प्रकाशित हुई है।
रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चलता है कि वुली गैंडा 32000 साल पहले मर गया और फिर बर्फ में जम गया। वुली या ऊनी गैंडा 460,000 से 12000 साल पहले आखिरी हिमयुग के दौरान आर्कटिक टुंड्रा में घूमते थे। ये विशालकाय जानवर थे। वुली मैमथ के बाद यह दूसरे सबसे विशालकाय शाकाहारी जीव थे। वुली मैमथ की ही तरह गैंडे भी अपने झबरे फर के कारण ठंड से बचे रहते थे।
प्रांरभिक जांच में पता चला है कि गैंडे के जांघ के ऊपरी हिस्से से लेकर कंधे के ब्लेड के स्तर तक का शव गंभीर रूप से नष्ट हो गया है। रूसी विज्ञान अकादमी के शोधकर्ताओं ने बताया कि शरीर की आंतरिक गुहा उजागर हो गई है और आंतों का ज्यादातर हिस्सा गायब है।
गैंडे के क्षत-विक्षत शव से ये साफ हो गया है कि ममी का बायां हिस्सा शिकारियों ने खाया था। टीम ने नोट किया कि फर में लगे छोटे क्रस्टेशियंस के अवशेष यह भी संकेत देते हैं कि ऊनी गैंडे की मौत पानी के उथले पूल में हुई थी। रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चलता है कि युवा ऊनी गैंडा 32,000 साल से भी पहले मर गया और जम गया।
460,000 से 12,000 साल पहले, आखिरी हिमयुग के दौरान, ऊनी गैंडे आर्कटिक टुंड्रा में घूमते थे। वे विशाल जानवर थे और मैमथ स्टेपी पारिस्थितिकी तंत्र में ऊनी मैमथ (मैमथस प्राइमिजेनियस) के बाद दूसरे सबसे बड़े शाकाहारी जानवर थे। मैमथ की तरह, ऊनी गैंडे भी अपने झबरा फर के कारण ठंडी जलवायु के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित थे - लेकिन अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिक अभी भी इन प्रागैतिहासिक जानवरों के बारे में बहुत कम जानते हैं।