Facebook Meta: फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसी प्रमुख प्लेटफार्मों की मालिक सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा ने अगले हफ्ते से अपनी वैश्विक छंटनी की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है।
Facebook Meta: फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा (Meta)अगले हफ्ते व्यापक स्तर पर छंटनी (job cuts) शुरू करेगी, जबकि मशीन लर्निंग इंजीनियरों की भर्ती में तेजी लाई जाएगी। अमरीका सहित अधिकतर देशों में फेसबुक (Facebook) की मालिकाना कंपनी मेटा में स्थानीय समयानुसार सोमवार को सुबह 5 बजे से नौकरी खोने वाले कर्मचारियों को नोटिस भेजे जाएंगे। जर्मनी, फ्रांस, इटली और नीदरलैंड के कर्मचारियों को 'स्थानीय नियमों के कारण' छंटनी से छूट दी जाएगी, जबकि यूरोप, एशिया और अफ्रीका के एक दर्जन से अधिक अन्य देशों के कर्मचारियों को 11 फरवरी से 18 फरवरी के बीच जॉब खोने की सूचनाएं मिलने लगेंगी। कंपनी ने पहले ही 2022 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की थी, और अब एक बार फिर से यह कदम उठाया जा रहा है। मेटा के CEO मार्क ज़करबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अपने कर्मचारियों को एक इंटरनल मेमो (internal memo )में सूचित किया है कि कंपनी को अपनी लागतों को नियंत्रित करने और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए यह कठिन निर्णय लेना पड़ा। कंपनी ने इस बार बड़े पैमाने पर छंटनी के लिए करीब 10,000 कर्मचारियों को प्रभावित करने की योजना बनाई है।
मेटा (पूर्व में फेसबुक) की भारत में एक बड़ी यूनिट है। मेटा का भारत में कार्यालय मुख्य रूप से नई दिल्ली और मुंबई में स्थित हैं। भारत में मेटा के कई प्रमुख विभागों और टीमों के कार्यालय हैं, जिनमें इंजीनियरिंग, डेटा साइंस, बिक्री और मार्केटिंग, कंटेंट मॉडरेशन, और अन्य तकनीकी कार्य शामिल हैं। इसके अलावा, मेटा भारतीय बाजार में अपनी विभिन्न सेवाओं जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और मैसेंजर का संचालन करता है, और ये सेवाएं भारत में बेहद लोकप्रिय हैं। भारत में मेटा में हजारों भारतीय कर्मचारी कार्यरत हैं। जिनमें तकनीकी और प्रौद्योगिकी से लेकर बिक्री और मार्केटिंग तक के क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, भारत में मेटा के साथ काम करने वाले कई साझेदार और स्थानीय कर्मचारियों की भी बड़ी संख्या है।
मार्क ज़करबर्ग ने अपनी घोषणा में कहा है कि डिजिटल विज्ञापन उद्योग में हाल के समय में मंदी और कंपनी के खर्चों में बढ़ोतरी के कारण मेटा को अपनी रणनीति को फिर से पुनर्विचार करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, मेटा ने यह भी बताया कि छंटनी का उद्देश्य कंपनी के व्यावसायिक संचालन को अधिक कुशल बनाना और खर्चों में कटौती करना है। कंपनी में मेटा के कर्मचारियों में इस छंटनी को लेकर काफी चिंता और तनाव है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मेटा में अपनी नई तकनीकों, जैसे मेटावर्स में भारी निवेश के चलते इसके ऊपर वित्तीय दबाव आ रहा है, जिससे इस तरह के निर्णय लेने की आवश्यकता महसूस हुई।
इस छंटनी का सबसे बड़ा प्रभाव मेटा के कर्मचारियों के बीच कामकाजी स्थिरता और उनके कैरियर पर पड़ेगा। अनुमान है कि मेटा के विभिन्न विभागों में छंटनी की जाएगी, जिसमें तकनीकी, डेटा साइंस, और कंटेंट मॉडरेशन जैसी टीमें शामिल हो सकती हैं।
मेटा का कहना है कि इसके बाद, कंपनी अपने कामकाजी मॉडल में सुधार करने के लिए अधिक स्मार्ट तरीके अपनाएगी, और टेक्नोलॉजी, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में और अधिक निवेश करेगी। हालांकि छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों के लिए मेटा एक सेवरेंस पैकेज (वेतन और लाभ का पैकेज) प्रदान करेगा, फिर भी यह कदम मेटा के लिए एक कठिन और विवादास्पद निर्णय बन गया है। इस स्थिति ने टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच व्यापक चिंता का माहौल बना दिया है, क्योंकि बड़ी कंपनियों में छंटनी का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है।
बहरहाल मेटा की छंटनी योजना दर्शाती है कि भले ही कंपनी की सामाजिक मीडिया प्रौद्योगिकियों का वर्चस्व है, फिर भी आर्थिक दबाव और निवेश की प्राथमिकताओं के कारण उसे कठिन फैसले लेने पड़ रहे हैं। अब देखना यह है कि मेटा इन छंटनियों के बाद अपनी स्थिति को कैसे सुधार पाती है और इस निर्णय का कंपनी के भविष्य पर क्या असर पड़ता है।
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