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Kushmanda Mata Ki Aarti: जीवन के अंधकार का नाश करती है माता कूष्मांडा की आरती, भक्त को मिलता है धन और अच्छा स्वास्थ्य

Kushmanda Mata Ki Aarti: मां दुर्गा का चौथा स्वरूप हैं मां कूष्मांडा, इनकी पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है। मां की विधिवत पूजा, मंत्र जाप के बाद आरती जरूर पढ़नी चाहिए। यह आरती माता रानी को प्रसन्न करती है और जीवन से अंधकार दूर होता है। मां कूष्मांडा की फेमस आरती है कूष्माण्डा जय जग सुखदानी, यहां पढ़ें मां कूष्मांडा की फेमस आरती...

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Oct 06, 2024
Kushmanda Mata Ki Aarti: कूष्मांडा माता की आरती

Kushmanda Mata Ki Aarti: नवरात्रि का चौथे दिन देवी कूष्माण्डा की पूजा की जाती है। माता कूष्माण्डा सूर्य के अंदर अर्थात सूर्य मण्डल में निवास करती हैं, उनके अतिरिक्त अन्य किसी में यह शक्ति और क्षमता नहीं है। देवी कूष्माण्डा की देह सूर्य के समान दिव्य और तेजोमय है।

देवी कूष्माण्डा अपने भक्तों के जीवन से अंधकार का नाश करती हैं और उन्हें धन और स्वास्थ्य प्रदान करती हैं। इनकी पूजा के लिए ऊँ कूष्माण्डायै नमः मंत्र या या देवी सर्वभूतेषू सृष्टि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः मंत्र जपना चाहिए। माता कूष्माण्डा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित करना चाहिए। आखिर में आरती जरूर पढ़नी चाहिए। पढ़ें मां कूष्मांडा की आरती ..

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॥ आरती देवी कूष्माण्डा जी की ॥


कूष्माण्डा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिंगला ज्वालामुखी निराली।
शाकम्बरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे॥


भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे।
सुख पहुंचाती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥


मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो मां संकट मेरा॥


मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

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