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पाप मोचिनी एकादशी की डेट पर क्यों है कंफ्यूजन, जानें डेट, शुभ महूर्त, पारण समय और गृहस्थ-वैष्णव कब रखें व्रत

Papmochani Ekadashi 2025 Date: चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी पापमोचनी एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उनके लिए व्रत रखा जाता है। लेकिन साल 2025 की पापमोचनी एकादशी डेट पर कंफ्यूजन की स्थिति है। आइये जानते हैं पापमोचिनी एकादशी डेट, शुभ मुहूर्त और पारण समय क्या है।

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Mar 20, 2025
papmochani ekadashi 2025 Date Confusion: पापमोचनी एकादशी 2025

Vaishnav Pap Mochani Ekadashi Parana Samay: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो एकादशी, होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के मध्य में आती है, उसे पापमोचिनी एकादशी के रूप में जाना जाता है। यह सम्वत साल की आखिरी एकादशी है और यह युगादी से पहले पड़ती हैं।


मान्यता है कि पापमोचिनी एकादशी व्रत रखने से सभी पाप कटते हैं और मृत्यु के बाद बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख समृद्धि आती है। लेकिन आइये जानते हैं पापमोचिनी एकादशी दो दिन क्यों है और इसका शुभ मुहूर्त, पारण समय क्या है ..

कब है पाप मोचिनी एकादशी (Kab Hai Papmochini Ekadashi 2025)


चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि प्रारंभः 25 मार्च 2025 को सुबह 05:05 बजे से
चैत्र एकादशी तिथि समापनः 26 मार्च 2025 को सुबह 03:45 बजे तक
पापमोचिनी एकादशी मंगलवार: 25 मार्च 2025 को

पारण (व्रत तोड़ने का) समयः 26 मार्च दोपहर 01:46 बजे से दोपहर 04:14 बजे तक
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समयः सुबह 09:14 बजे तक

वैष्णवों के लिए पापमोचिनी एकादशी: बुधवार, 26 मार्च 2025 को (Vaishnav papmochani ekadashi 2025)


वैष्णव एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समयः 27 मार्च सुबह 06:23 बजे से सुबह 08:51 बजे तक
(पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।)

पाप मोचिनी एकादशी पर शुभ योग (papmochani ekadashi 2025 shubh yog)


शिव योगः 25 मार्च मंगलवार को दोपहर 2.53 बजे तक
सिद्ध योगः 26 मार्च को दोपहर 12.26 बजे तक
द्विपुष्कर योगः 26 मार्च सुबह 03:49 बजे से 26 मार्च सुबह 06:24 बजे तक
श्रवण नक्षत्र: 26 मार्च सुबह 03:49 बजे तक
धनिष्ठा नक्षत्र: 27 मार्च सुबह 2.30 बजे तक

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इसलिए 26 मार्च को वैष्णवजन पापमोचिनी एकादशी व्रत रखेंगे (Vaishnav papmochani ekadashi 2025 why)


पंचांग के अनुसार गृहस्थ और स्मार्त 25 मार्च के दिन एकादशी का व्रत रखकर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करेंगे। वाराणसी के पं. शिवम तिवारी के अनुसार जब कभी एकादशी तिथि दो दिनों में पड़ती है तो वैष्णवजन द्वादशी विद्ध एकादशी को पापमोचिनी एकादशी व्रत रखते हैं। इसी कारण वैष्णव साधक 26 मार्च को पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखकर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करेंगे। वहीं, संध्याकाल में आरती के बाद फलाहार करेंगे।

हालांकि बुंदेलखंड के ज्योतिषी पं. मनीष तिवारी के अनुसार देश के दो सबसे प्रामाणिक पंचांग बीएचयू से प्रकाशित विश्व हिंदू पंचांग और ऋषिकेश पंचांग के अनुसार इस साल पापमोचनी एकादशी तिथि का समय एक ही दिन में है। दूसरे दिन नहीं, इसलिए सभी लोग एक ही दिन चाहे वो वैष्णव हो या गृहस्थ और स्मार्त सभी को 25 मार्च को ही पापमोचनी एकादशी व्रत रखना चाहिए।

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पापमोचिनी एकादशी व्रत पूजा विधि (papmochani ekadashi vrat puja vidhi )

1.पापमोचिनी एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

2. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें और भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

3. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और पापमोचनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।

4. दिन भर उपवास रखें और शाम को भगवान विष्णु की आरती करने के बाद फलाहार करें।

5. रात में पूजा करें और पूरी रात जागरण कर कीर्तन करें

6. अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें, पारण करें।

Updated on:
21 Mar 2025 10:49 am
Published on:
20 Mar 2025 04:51 pm
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