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Kharmas 2025: खरमास में भागवत पाठ से जीवन होता है सुखी, जानें खरमास में क्या करें

Kharmas 2025 Reading: खरमास 2025 इस साल 13 अप्रैल को समाप्त होगा। इसे मलमास भी कहते हैं, यह स्नान दान और पूजा पाठ का महीना है। मान्यता है कि इस महीने भागवत पाठ से जीवन सुखी बनता है। आइये जानते हैं और खरमास में क्या करना चाहिए ( Bhagwat in Kharmas)

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भारत

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Pravin Pandey

Mar 17, 2025

Kharmas 2025 Reading Bhagwat

Kharmas 2025 Reading Bhagwat: खरमास 2025

Kharmas Kya Hota Hai: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य गुरु की राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तो इस समय सूर्य का प्रभाव मद्धम पड़ जाता है। इस समय गुर्वादित्य योग बनता है जो अशुभ माना जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि सूर्य की गति धीमी होने से उनकी शुभता में कमी हो जाती है (Bhagwat in Kharmas)।


इसी कारण इस महीने को खरमास कहा जाता है। इसी कारण इस महीने में मांगलिक और नए कार्य रूक जाते हैं। हालांकि पूजा-पाठ जप-तप साधना के लिए यह महीना महत्वपूर्ण है। इस समय इन आध्यात्मिक कार्य और साधना का अच्छा फल मिलता है। ज्योतिषी नीतिक शर्मा से आइये जानते हैं खरमास में क्या करना चाहिए, इससे पहले जानें बृहस्पति पर क्या असर पड़ता है।


खरमास में बृहस्पति का प्रभाव (Kharmas Effect On Jupiter)

सूर्य देव जब देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास लगता है। सूर्य के संपर्क में आने के चलते देवगुरु बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम या क्षीण हो जाता है।

सूर्य और बृहस्पति दोनों की शुभता कम होने से इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य देव ने 14 मार्च को शाम 6.34 बजे मीन राशि में प्रवेश किया था, 18 मार्च को सूर्य देव उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 13 अप्रैल को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास खत्म होगा।

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खरमास में करें भागवत कथा का पाठ (Bhagwat Reading In Kharmas 2025)


ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार खरमास में मांगलिक कार्य भले नहीं होते हैं, लेकिन जप तप साधना का विशेष फल मिलता है। आइये जानते हैं खरमास में क्या करना चाहिए (Kharmas 2025 Reading) ।

1. खरमास में श्रीराम कथा, भागवत कथा, शिव पुराण का पाठ करें, रोज अपने समय के हिसाब से ग्रंथ पाठ करें। कोशिश करना चाहिए कि इस महीने में कम से कम एक ग्रंथ का पाठ पूरा हो जाए।

मान्यता है कि ऐसे करने से धर्म लाभ के साथ ही सुखी जीवन जीने के सूत्र भी मिलते हैं। ग्रंथों में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारेंगे तो सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं।

2. खरमास में अपने इष्टदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए और उनका मंत्र जपना चाहिए।

3. इनके साथ ही इस महीने में पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में दर्शन और पूजन करना चाहिए।

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4. खरमास में तीर्थ यात्रा का विशेष फल होता है। इस महीने में किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें अपने घर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए। पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।

5. धर्म लाभ कमाने के लिए खरमास का हर एक दिन बहुत शुभ है। इस महीने में किए गए पूजन, मंत्र जप और दान-पुण्य का अक्षय पुण्य मिलता है। अक्षय पुण्य यानी ऐसा पुण्य जिसका शुभ असर पूरे जीवन बने रहता है। इस महीने सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

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