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Paush Purnima 2025 Guide: ये दो योग घर लाएंगे खुशहाली, जानें पूर्णिमा पूजा विधि और किए जाने वाले इन 5 काम का फल

Paush Purnima 2025 Guide: हिंदू धर्म में पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना, व्रत का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। लेकिन इस बार दो बेहद शुभ योग भी बन रहे हैं। आइये जानते हैं कि पौष पूर्णिमा पर कौन से योग बन रहे हैं, पूर्णिमा की पूजा विधि क्या है और इस दिन क्या करें (aaj ki puja vidhi)

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Paush Purnima 2025 Guide: पौष पूर्णिमा 2025 की पूजा विधि और उपाय

Paush Purnima Par Kya Kare: अजमेर की ज्योतिषाचार्य और टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार पौष पूर्णिमा सोमवार 13 जनवरी को है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और तीर्थ यात्रा की परंपरा है।


मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर की गई तीर्थ यात्रा से अक्षय पुण्य मिलता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन चंद्रमा पूर्ण रूप से अपनी ज्योति बिखेरता है। यही वजह है कि इस दिन भक्त धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान-दान के लिए शुभ मानते हैं।

पौष पूर्णिमा शुभ योग (Paush Purnima Shubh Yoga)

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार इस साल पौष पूर्णिमा पर रवि योग और भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाएंगे। ज्योतिषी रवि योग को शुभ मानते हैं।

पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Paush Purnima Muhurt)

नीतिका शर्मा के अनुसार पौष माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जनवरी को सुबह 05:03 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इस तिथि का समापन 14 जनवरी को प्रातः 03:56 मिनट पर होगा। ऐसे में पौष पूर्णिमा सोमवार 13 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रोदय का भी विशेष महत्व है, इस दिन मां लक्ष्मी के साथ चंद्रमा की पूजा की जाती है। पौष पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 5.15 बजे होगा।

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पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि (Purnima Puja Vidhi)

1.ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लें। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं, वर्ना घर पर ही सामान्य जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।

2. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप करें।

3. इसके बाद एक चौकी पर साफ-सुथरा लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।

4. इसके बाद पूजा में धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें। शाम के समय पूजा के दौरान अपने समक्ष पानी का कलश रखें।

5. विष्णु जी को पंचामृत, केला और पंजीरी का भोग अर्पित करें। इसके बाद पंडितजी को बुलाकर सत्यनारायण की कथा कराएं और आसपास के लोगों को भी आमंत्रित करें।

6. पूजा के बाद परिवार और अन्य लोगों में प्रसाद बांटे और दान-दक्षिणा दें।

महाकुंभ का आरंभ (Mahakumbh 2025 Start Date)

13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा के दिन से साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 25 फरवरी 2025 को होगा। बता दें कि हर 12 साल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। इस दिन प्रयागराज , काशी, हरिद्वार में पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य नारायण को अर्घ्य का बड़ा महत्व है।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष पूर्णिमा पर सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस बार पौष पूर्णिमा से यानी 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरु होने जा रहा है।

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पौष पूर्णिमा पर क्या करें (Paush Purnima Par Kya Kare Purnima Upay aur Fal)


ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा पौष पूर्णिमा पर इन पांच कार्यों में से जो संभव हो उसे जरूर करना चाहिए।

1.पौष पूर्णिमा पूजाः सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें वर्ना आप घर पर ही गंगाजल पानी में डालकर स्नान कर लें। फिर व्रत का संकल्प लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग के वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पूजा में धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें और अंत में पूर्णिमा की कथा पढ़ें।

2. धार्मिक अनुष्ठान: पौष पूर्णिमा के दिन शुभ अवसर पर गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत करने से विशेष फल मिलता है। इस दिन कोई धार्मिक अनुष्ठान जरूर करना चाहिए।

3.स्नान-दान: ऐसा माना जाता है कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्यफल की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद गरीबों कमजोरों को कुछ दान जरूर करना चाहिए।

4.जप तप: पौष पूर्णिमा के बाद माघ मास का आरंभ होता है, जो स्नान और तप के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे पहले जप तप का मौका मिला है इसलिए इस दिन जप आदि करना अच्छा माना जाता है।

5. सत्यनारायण व्रत कथा: इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

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