
Makar Sankranti 2025 Sahi Date no confusion: मकर संक्रांति 2025 की सही डेट
Makar Sankranti 2025 Sahi Date: काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रकाशित पंचांग हो, महाराष्ट्र या कोलकाता से प्रकाशित पंचांग सभी सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में आने के दिन पर एकमत है। भले ही संक्रांति के समय और पुण्यकाल में कुछ मिनटों का हेर फेर हो।
बुंदेलखंड के मशहूर ज्योतिषी मनीष तिवारी के अनुसार मकर संक्रांति 2025 पर कोई कंफ्यूजन नहीं है। यह 14 जनवरी को ही है। वहीं ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक तिथि को लेकर भी इस बार कोई संशय नहीं है। सुबह से शाम तक पूर्ण रूप से पर्व रहेगा। इस दौरान धर्म-पुण्य कार्य करना अधिक फलदायी रहेगा। आइये जानते हैं मकर संक्रांति क्षण और स्नान दान का समय क्या हो ..
ज्योतिषी मनीष तिवारी के अनुसार मकर संक्रांति का स्नान दान पुण्यकाल में करना चाहिए। सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में 14 जनवरी की सुबह 8.55 बजे प्रवेश करेंगे। इसलिए संक्रांति का क्षण यही है। इस कारण से संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 7.21 बजे से शाम 5.50 बजे तक रहेगा। जबकि महापुण्यकाल सुबह 9.03 से 10.52 बजे तक रहेगा।
वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रकाशित कैलेंडर के अनुसार सूर्यास्त तक रहेगा। इसी दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से खरमास समाप्त होगा। साथ ही कुंभ स्नान के लिए विशेष दिन रहेगा। वहीं ज्योतिषाचार्य पं.मोहनलाल शर्मा और पं.घनश्याम शर्मा ने बताया कि यह पर्व सूर्य की उत्तरायण गति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक भी है।
वहीं एक प्रसिद्ध कैलेंडर में संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9.03 बजे से शाम 5.55 बजे तक यानी कुल 8.52 घंटा बताया गया है जबकि मकर संक्रांति का महापुण्यकाल सुबह 9.03 बजे से 10.49 बजे तक यानी 1 घंटा 46 मिनट बताया गया है और संक्रांति क्षण 9.03 बताया गया है।
पंचांग के अनुसार जब मकर संक्रांति सूर्यास्त के बाद होती है, ऐसी ही स्थिति में पुण्य काल की सभी गतिविधियां अगले दिन सूर्योदय काल तक के लिए स्थगित की जाती हैं। इसलिए पुण्यकाल की सभी गतिविधियां दिन के समय 14 जनवरी को ही पूरा करना चाहिए।
मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, भगवान सूर्य को नैवेद्य अर्पण करना चाहिए, दान-दक्षिणा देना चाहिए, श्राद्ध कर्म करना चाहिए और व्रत का पारण करना चाहिए। इस समय तिल स्नान, तिल दान और उड़द की खिचड़ी का दान सर्वश्रेष्ठ कार्य माना जाता है।
पं. तिवारी के अनुसार इस साल की मकर संक्रांति बेहद शुभ है। इस साल मकर संक्रांति पर कुछ खास योग बन रहे हैं। मकर संक्रांति 2025 पर 14 जनवरी को पुनर्वसु नक्षत्र और कुमार योग बन रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य संयोग बन रहे हैं। पुष्य नक्षत्र के कारण भौम पुष्य संयोग बन रहा है।
ज्योतिर्विदों के मुताबिक इस बार संक्रांति पीले वस्त्र पहनकर बाघ पर सवार होकर आएगी। ऐसे में शिक्षित वर्ग के लिए इस बार मकर संक्रांति शुभ फलदायी रहेगी। इस दिन गंगा सहित अन्य नदी-सरोवरों में पवित्र स्नान और दान-पुण्य से उसका सौ गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक तिथि को लेकर भी इस बार कोई संशय नहीं है। संक्राति बाघ पर सवार होकर धोबी के घर में प्रवेश करेगी। वार नाम के अनुसार महोदरी रहेगा। इससे लूटपाट की घटनाएं बढ़ने की भी आशंका है।
ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन से सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। इस कारण सूर्य का बढ़ता तेज सर्दी को कम करने लगता है और गर्मी बढ़ती है।
इस साल मकर संक्रांति के विद्वान और शिक्षित वर्ग के लिए अच्छा रहने के आसार हैं। व्यापारियों और कारोबारियों को वस्तुओं की लागत कम होने से कुछ लाभ होने की संभावना है। अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा। भारत के कई अन्य देशों से संबंधों में मधुरता आएगी। देश के अनाज के भंडारण में वृद्धि होगी।
Updated on:
12 Jan 2025 09:06 am
Published on:
11 Jan 2025 09:04 pm
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