Shani Mantra: ज्योतिष में शनि को सबसे प्रभावशाली ग्रहों में से एक माना जाता है, शनि की कृपा न होने पर व्यक्ति का जीवन नर्क बन सकता है और शनि का आशीर्वाद मिलने पर व्यक्ति रंक से राजा बन सकता है। आइये पढ़ते हैं शक्तिशाली शनि माला मंत्र जिसके जाप से शनि की बाधा दूर होती है।
Shani Mala Mantra: ज्योतिषियों के अनुसार कोई व्यक्ति शनि बाधाओं, ढैया, साढ़ेसाती, शनि महादशा या किसी और से परेशान हैं। उसकी समस्या किसी प्रकार से दूर नहीं हो रही है। करियर में दिक्तत आ रही है या परिवार जंग का मैदान बना हुआ है या फिर स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा है। शनि की कृपा से ये सब एक झटके से सुलझ सकते हैं। इसके लिए यानी शनि बाधा निवारण के लिए शनि माला मंत्र कारगर उपाय हो सकता है।
बस इसे या तो हर शनिवार को पढ़ना होगा या शनिवार से शुरू कर रोज अपनी क्षमता के अनुसार 1 बार, या 3बार, या 5बार, या 11बार, या 21 बार, या 51बार, या 108 बार या 1008बार पाठ करें। विद्वानों का मानना है इससे निश्चित रूप से शनि बाधा का निवारण होता है।
ॐ नमो भगवते शनैश्चराय मंदगतये
सूर्यपुत्राय महाकालाग्निसहभाय
कुरटेहाय गृधासनाय नीलरुपाय
चतुर्भुजाय त्रिनेत्राय नीलांबरधसय
नीलमालाविभूषिताय धनुराकारमण्डले प्रतिष्ठिताय
काश्यपगोत्रात्मजाय माणिक्वयमुक्ताभरणाय
छायापुत्राय सकल महारौद्राय सकल जगतभयंकराय
पंनुपादाय क्रूररुपाय देवासुरभयंकराय
सौरये कृष्णवर्णाय स्थूलरोमाय अधोमुखाय
नीलमद्रासनाय नीलवर्णस्थारुळाय
त्रिभूलधराय सर्वजनमयंकराय मंदाय
दं शं में में हूं रक्ष रक्षा,
मम शत्रून नाशय नाजय,
सर्वपीडा नाशय नाज्ञय,
विषमस्व शनैश्वरान सुप्रीणय सुप्रीणय,
सर्व ज्वरान शमय शमय, समस्त व्याधीनामोचय
गोवय विमोक्य विमोचय मा रक्ष रक्षा,
समस्त दष्टग्रहान भक्षय अक्षय,
भ्रामय भ्रामय. बचय बधय.
भक्षय भक्षय दठ दह, पच पच.
त्रासय त्रासय. उन्मादय उन्मादय,
दीपय दीपय. तापय तापय,
सर्व विघ्नान विधि सिंधि
डाकिनी शाकिनी भूत वेताल
यक्षस्गोगंधर्वग्रहान ग्रासय ग्रासय,
हन हन, विदास्य विदास्य,
शत्रून नाशय नाशय,
सर्वपीडा नाशय नाशय,
विषमस्थ शनैधरान सुप्रीणय सुप्रीणय,
सर्वज्वरान शमय शमय,
समस्त व्याधीन विमोक्य विमोचय,
ॐ शं न में हां फं तुं शनैश्चराय
नीलाम्रवर्णाय नीलमेालाय सौरवे नमः
!! इति जनि माला मंत्र !!
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1.अगर आप मंदिर में पूजा करने जा रहे हैं तो शनि का तैलाभिषेक करें और शनि शांति पूजा करें।
2. यदि घर पर शनि पूजा कर रहे हैं तो शनि देव की पूजा के लिए समर्पित एक साफ जगह पर शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति रखें। फिर सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसमें काले तिल डालें। शनि देव की तेल, उपचार, बिल्वपत्र, उपहार आदि से पूजा करें ।
3. शनि देव के मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" या नीलांजन समाभासम रविपुत्रं यमाग्रजम आदि शुभ मंत्रों का 108 बार जाप करें।
4. शनि स्तोत्र या शनि पाठ का पाठ करें।
5. किसी भी गलत कार्य के प्रायश्चित के लिए उपवास करें।
6. तिल, सरसों का तेल और काले वस्त्र का दान करें। जानवरों को भोजन दें।