
Shani Jayanti 2025 Bhog: शनि देव जयंती पर भोग लगाने का नियम जानना चाहिए (Photo Credit: Wallpapercave.com)
Shani Puja Vidhi On Birth Anniversary: शनि देव की जयंती उनकी कृपा पाने का महत्वपूर्ण दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन शनि महाराज को उनका मनपसंद भोग अर्पित करने पर आशीर्वाद देते हैं और प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूरी करते हैं। शनि दोष से भी राहत देते हैं। आइये जानते हैं शनि देव को भोग क्या लगाएं।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार दंडाधिकारी शनि देव को काले रंग और तिल की बनी वस्तुएं प्रिय हैं। इसलिए शनि जयंती पर भोग में यही चीजें अर्पित करनी चाहिए। हालांकि उनकी पूजा में ऐसी चीजें जो सात्विक और शुद्ध न हों, उसे नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही शनि देव के भोग में लहसुन प्याज अर्पित नहीं करना चाहिए।
तिल शनि देव का प्रिय भोग है, उसमें भी काले तिल की बात ही क्या। इसलिए शनि जयंती पर भक्तों को गुड़ से काले तिल का लड्डू बनाकर शनि देव के चढ़ाना चाहिए। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती के प्रभाव में भी कमी आती है।
काली उड़द भी शनि देव की प्रिय वस्तुओं में है। इसलिए उनके लिए काली उड़द की दाल और चावल से बनी खिचड़ी का भोग भी अर्पित किया जा सकता है। इसमें सरसों के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं। मान्यता है कि इससे शनि देव प्रसन्न होकर दरिद्रता दूर करते हैं, आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
शनि देव की पूजा में चीनी की जगह गुड़ अर्पित किया जाता है। इसे पकाने के लिए सरसों का तेल प्रयोग में लाना चाहिए। मान्यता है कि इससे शनि देव प्रसन्न होंगे।
1.अगर आप मंदिर में पूजा करने जा रहे हैं तो शनि का तैलाभिषेक करें और शनि शांति पूजा करें।
2. यदि घर पर शनि पूजा कर रहे हैं तो शनि देव की पूजा के लिए समर्पित एक साफ जगह पर शनिदेव की तस्वीर या मूर्ति रखें। फिर सरसों के तेल का दीपक जलाकर उसमें काले तिल डालें। इसके बाद शनि देव की तेल, उपचार, बिल्वपत्र, उपहार आदि से पूजा करें ।
3. शनि देव के मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" या नीलांजन समाभासम रविपुत्रं यमाग्रजम आदि का 108 बार जाप करें। शनि स्तोत्र या शनि पाठ का पाठ करें।
4. शनि जयंती पर अपने द्वारा किए गए किसी भी गलत कार्य के प्रायश्चित के लिए उपवास करें।
5. तिल, सरसों का तेल और काले वस्त्र का दान करें, जानवरों को भोजन दें।
शनिदेव की पूजा में शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उनको चढ़ाई जाने वाली भोग की सामग्री शुद्ध और सात्विक हो, इसका निश्चय पूरी तरह से कर लें तभी चढ़ाएं।
शनिदेव को भोग लगाने के लिए लोहे के बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए, भूलकर भी पीतल या तांबे के पात्र का शनि देव की पूजा में इस्तेमाल न करें।
समर्पण किसी भी पूजा का मूल अंग है। शनि देव की पूजा और भोग अर्पित करते समय प्रभु में पूर्ण विश्वास, भक्तिभाव और समर्पण होना आवश्यक है। साथ ही 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' या 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' मंत्र का उच्चारण करते हुए भोग लगाएं।
भोग अर्पित करने के बाद, इनके प्रसाद को परिवार के सदस्यों और जरूरतमंदों में भी बांटना चाहिए। कौवों को भी यह प्रसाद खिलाना शुभ माना जाता है।
Updated on:
10 Jul 2025 12:06 pm
Published on:
25 May 2025 06:32 pm
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