
Shani Jayanti 2025 Date And Time: शनि जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त
Shani Jayanti 2025 Puja Muhurt: भगवान शनि सूर्य नारायण के पुत्र हैं। इनका शनि ग्रह और शनिवार दिन पर शासन है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शनि देव का जन्मदिवस शनि अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इसे शनैश्चर जयंती के रूप में जाना जाता है।
यह उत्तर भारतीय पूर्णिमांत कैलेंडर में ज्येष्ठ अमावस्या और दक्षिण भारतीय अमावस्यांत कैलेंडर में वैशाख अमावस्या पर मनाई जाती है। हालांकि दोनों ही प्रकार के कैलेंडर में शनि जयंती एक ही दिन पर पड़ती है। शनि दशा, साढ़ेसाती और ढैया के माध्यम से शनि देव लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। आइये जानते हैं शनि जयंती कब है, शनि जयंती शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है..
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि आरंभः 26 मई 2025 को दोपहर 12.11 बजे
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि समापनः 27 मई 2025 को सुबह 8.31 बजे
शनि जयंतीः मंगलवार 27 मई 2025 को
सुकर्मा: रात 10:54 बजे तक
धृति योगः पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योगः सुबह 04:32 बजे से 05:32 बजे तक
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शनि जयंती पर पूजा अर्चना से भक्त शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं और शनि मंदिरों में दर्शन कर भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भगवान शनि देव निष्पक्ष न्याय में विश्वास करते हैं और अपने भक्तों के सौभाग्य में वृद्धि करते हैं। वहीं जिन लोगों पर भगवान शनि का आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है, उन्हें जीवन में कड़ा परिश्रम करने के बाद भी अच्छा फल नहीं मिलता और उन्हें वर्षों तक बिना कुछ पाए परिश्रम करना पड़ता है।
भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए हवन, होम और यज्ञ करना चाहिए। शनि जयंती पर किए जाने वाले सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में शनि तैलाभिषेकम और शनि शांति पूजा मुख्य है। कुंडली में साढ़े साती के नाम से प्रसिद्ध शनि दोष के प्रभाव को कम करने के लिए शनि तैलाभिषेकम और शनि शांति पूजा किए जाते हैं।
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1.शनि जयंती पर सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर पूजास्थल की साफ-सफाई करें और व्रत का संकल्प लें।
2. फिर लकड़ी के पाटे पर काला/लाल कपड़ा बिछा कर उस पर शनिदेव की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।
3. अब इनके सामने दीपक जलाएं और शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल, पुष्प माला, काली उड़द और तिल चढ़ा कर पंचोपचार या षोडदषोपचार पूजा करें।
4. नैवेद्य अर्पित करें और शनिदेव की आरती उतारें।
5. इस दिन शनि चालीसा का पाठ करें और फिर शाम को आरती करके प्रसाद का वितरण करें।
Published on:
13 May 2025 03:37 pm
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