
gurbachan singh ji file photo
(पत्रिका ब्यूरो,चंडीगढ़): पंजाब में निरंकारी समुदाय और गरमपंथियों के बीच का कथित विवाद दशकों पुराना है। पंजाब में 1980 के दशक के दौरान आतंकवादियों ने निरंकारी गुरू को मौत के घाट उतार दिया था। पंजाब में गरमपंथी विचारधारा वाले सिख संगठनों और निरंकारी समुदाय के बीच कभी भी संबंध अच्छे नहीं रहे।
जानकारी के अनुसार 1978 में जब निरंकारी मिशन की लहर पूरे पंजाब में चरम पर थी तो कई विषयों पर मतभेद के चलते दोनों समुदायों में खूनी संघर्ष हुआ था। जिसमें दोनों तरफ से कई लोगों की मौत हो गई थी। इस खूनी संघर्ष के बाद पंजाब की शांति पूरी तरह से भंग हो गई और गरमपंथियों ने सबसे पहले तत्कालीन निरंकारी प्रमुख गुरबचन सिंह को मौत के घाट उतारा था। जिसके बाद पंजाब में आतंकी लहर हावी हो गई। आतंकवादियों ने पंजाब के डेराबस्सी समेत कई जगह पर निरंकारी मिशन के प्रचारकों को मौत के घाट उतारा। पंजाब में रविवार को हुई घटना में पुलिस द्वारा किसी आतंकी संगठन का हाथ होने से इनकार किए जाने के बाद इसे पूर्व समय के दौरान हुई घटनाओं के साथ जोडक़र देखा जा रहा है।
Published on:
18 Nov 2018 05:37 pm
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