
iqbal singh
(अमृतसर): तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के निवर्तमान जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने दावा किया है कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख की ओर से भेजी गई माफी कि चिट्टी का मूल बदल दिया गया था। डेरा मुखी को माफी देने का सच सामने लाने के लिए इस बात की जांच अति आवश्यक है की चिट्टी की भाषा को क्यों बदला गया, यह पत्र श्री अकाल तख्त साहिब कैसे पहुंचा, डेरा प्रमुख को माफ़ी देने का आदेश किसने दिया था।
उन्होंने कहा यह सच तभी सामने आ सकता है जब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह व तख्त दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह को अकाल तख्त साहिब में तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए। ज्ञानी इकबाल सिंह ने सिख पंथ के नाम लिखे एक पत्र में कहा है की वह डेरा प्रमुख को दी गई माफी व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी, बेहबल गोली कांड की जांच कर रही सिट के समक्ष पेश हो सकते हैं। उन्होंने दावा किया की वर्ष 2015 में डेरा प्रमुख को बिना मांगे माफी दी गई। जब इस बात का पर्दाफाश हुआ तो कुछ राजनैतिक व धार्मिक नेताओं ने उनके विरुद्ध साजिश रचनी शुरू कर दी।
माफी देने के बाद एसजीपीसी ने किसके आदेश के बाद 90 लाख के विज्ञापन जारी किए। ज्ञानी गुरमुख सिंह को तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब का हेड ग्रंथी नियुक्त करने के पीछे क्या कारण थे, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा की जब वह अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब गठित की गई तीन सदस्यीय टीम को दे चुके थे, तो फिर सात सदस्यीय कमेटी के गठन की क्या जरूरत थी। वह इस मामले को अदालत में ले जाएंगे।
Published on:
09 Mar 2019 08:33 pm
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