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जिला अस्पताल में सिर्फ एक वाटर कूलर, प्रथम तल व ट्रॉमा यूनिट के मरीज पानी के लिए होते हैं परेशान

गर्मी का असर बढ़ते ही पेयजल की आवश्यकता बढ़ जाती है। जिला चिकित्सालय में पेयजल व्यवस्था के लिए ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ एक वाटर कूलर लगा हुआ है। यहां पर सभी वार्ड के मरीजों को आकर पानी लेना पड़ता है। प्रथम तल और ट्रॉमा यूनिट के मरीजों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। […]

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गर्मी का असर बढ़ते ही पेयजल की आवश्यकता बढ़ जाती है। जिला चिकित्सालय में पेयजल व्यवस्था के लिए ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ एक वाटर कूलर लगा हुआ है। यहां पर सभी वार्ड के मरीजों को आकर पानी लेना पड़ता है। प्रथम तल और ट्रॉमा यूनिट के मरीजों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। वाटर कूलर की क्षमता भी इतनी नहीं है कि मरीजों की आवश्यकता के अनुरूप ठंडा पानी दे सके। ऐसे में लोगों को गर्म पानी ही नसीब हो पाता है। जिला चिकित्सालय में गेट के पास लगा वाटर कूलर खराब है। वहीं ग्राउंड फ्लोर पर नर्सिंग स्टाफ रूम के पास एक वाटर कूलर लगा हुआ है। ग्राउंड फ्लोर स्थित वार्ड में एडमिट मरीज तो वाटर कूलर तक पहुंच जाते हैं, लेकिन प्रथम तल के स्थित डायलिसिस यूनिट, पीआईसीयू, महिला वार्ड, पीेडियाट्रिक वार्ड, एसएनसीयू के साथ ही ट्रामा यूनिट के मरीजों को जिला चिकित्सालय वाटर कूलर से पानी भर कर ले जाना पड़ता है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए यह किसी परेशानी से काम नहीं है क्योंकि दिन भर में पानी के लिए कई बार उन्हें सीढिय़ों को चढ़कर आना-जाना पड़ता है।

खरीद कर पीना पड़ रहा ठंडा पानी

जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती मरीज रंजीत जायसवाल ने बताया कि चिकित्सालय में लगा वाटर कूलर ठंडा पानी नहीं दे पाता है। उन्हें चिकित्सालय के सामने होटल से खरीद कर ठंडा पानी पीना पड़ता है। मरीज ने बताया कि यहां सैकड़ों लोग इलाज के लिए आते हैं लेकिन ठंडे पानी के लिए सिर्फ एक वाटर कूलर लगा है। इससे परेशानी का सामन करना पड़ता है।

चिकित्सालय में पेयजल की समस्या

चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती बिजुरी निवासी सीतम कुमार ने बताया कि जिला चिकित्सालय में पेयजल की समस्या है। सिर्फ वाटर कूलर ही पानी का एक माध्यम है जबकि चिकित्सालय के गेट पर लगा हुआ वाटर कूलर बंद पड़ा है। गेट के बाहर नए बोरवेल का उत्खनन कराया गया है जहां हजार लीटर की टंकी लगा दी गई है जिससे मरीजों को पानी लेकर पीना पड़ता है।