28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बारात रोक परीक्षा देने पहुंचे 5 दूल्हे, अंदर मां भी दे रही परीक्षा

MP News: हल्दी-मेहंदी लगे हुए दूल्हा या दुल्हन गांव की सीमा से बाहर नहीं जाते। लेकिन जागरुकता आई तो शिक्षा का महत्व इन रीति रिवाजों पर भारी पड़ने लगा है। इसके उदाहरण शासकीय पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज में बीए फाइनल की परीक्षा के दौरान देखने मिले।

2 min read
Google source verification
grooms stopped wedding procession and went to take exam

grooms stopped wedding procession and went to take exam

MP News: हल्दी-मेहंदी लगे हुए दूल्हा या दुल्हन गांव की सीमा से बाहर नहीं जाते। लेकिन जागरुकता आई तो शिक्षा का महत्व इन रीति रिवाजों पर भारी पड़ने लगा है। इसके उदाहरण अशोकनगर के शासकीय पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस कॉलेज में बीए फाइनल की परीक्षा के दौरान देखने मिले। जहां पर बारात रोक पांच दूल्हे व एक दुल्हन हल्दी-मेहंदी लगे हुए ही परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षा केंद्र पर छोटे-छोटे बच्चों को चाचा व बुआ बाहर संभालते रहे और अंदर कक्ष में उनकी माताएं अपने कोर्स के साथ ममता की परीक्षा एक साथ देते नजर आईं।

ये भी पढ़े - कल से शुरू होगा सड़कों का चौड़ीकरण, प्रभावित होंगे 800 से ज्यादा मकान-दुकान

दूल्हे ने पहले परीक्षा दी, फिर बारात लेकर रवाना हुआ….

पहाड़ा गांव निवासी 21 वर्षीय प्रहलाद केवट का घर पर विवाह कार्यक्रम चल रहा था। उसकी बारात राजस्थान के छबड़ा जाना है, इसलिए बारात जाने की जल्दी तैयारी हो गई। लेकिन प्रहलाद केवट बारात को रोककर पहले बीए फाइनल की परीक्षा देने पहुंचा। जिसने पहले परीक्षा दी और फिर शाम को घर पहुंचा व बारात रवाना हुई।

हल्दी, मेंहदी लगे हाथों से परीक्षा में लिखे उत्तर….

शाढ़ौरा निवासी अमन अहिरवार का भी शनिवार को विवाह कार्यक्रम था। घर पर रिश्तेदारों की पंगत और मंडप का कार्यक्रम चल रहा था। जिसकी शाढ़ौरा में ही बारात का कार्यक्रम था। अमन अहिरवार बीए फाइनल का छात्र है और शनिवार को परीक्षा थी तो वह परीक्षा देने कॉलेज पहुंचा और फिर अपने विवाह के कार्यक्रम में शामिल हुआ।

ये भी पढ़े - सीएम मोहन यादव करेंगे 300 पुरानी अहिल्या बावड़ी का लोकार्पण

भाभी परीक्षा दे रही, दो माह के बच्चे को देवर ने संभाला

राजतला गांव निवासी खुशी कुशवाह की शनिवार को परीक्षा थी। जिसका दो माह का बच्चा भी है। देवर 11 किमी दूर गांव से कॉलेज में परीक्षा दिलाने लाया और पार्क में देवर बच्चे को संभालता रहा, खुशी कुशवाह ने कक्ष में बैठकर परीक्षा दी। इस दौरान जब बच्चा रोने लगता तो देवर उसे परीक्षा कक्ष तक लेकर पहुंचता जहां खुशी बच्चे को फीडिंग कराती।

ये भी पढ़े - Mothers Day Special: 20 दिन के बेटे के साथ शुरू किया करियर, इस मां ने चुनौतियों से लड़कर भरी ऊंची उड़ान

ननद बच्चे को संभालती रही और भाभी ने दी परीक्षा

पिपरई निवासी उजाला अहिरवार भी बीए फाइनल की छात्रा है, जिसका चार माह का बच्चा है। परीक्षा थी तो वह अपनी ननद को साथ लेकर कॉलेज आई। ननद चार माह के बच्चे को पार्क में लेकर बैठी रही और उजाला अहिरवार ने परीक्षा कक्ष में परीक्षा दी। परीक्षा के दौरान ही सीढ़ियों पर बैठकर उजाला ने अपने रोते हुए बच्चे को सहलाकर चुप कराया।

यह भी खास

  • 1303 छात्रों ने शनिवार को कॉलेज में परीक्षा दी, 28 केंद्रों पर हुई इस परीक्षा में 55 शिक्षकों की ड्यूटी लगी, जिसमें कई शिक्षक कॉलेज से बाहर के रहे।
  • परीक्षा कक्ष में अब कोई भी छात्र-छात्रा कोई भी सामान लेकर नहीं जा सकते और बाहर ही उन्हें जमाकर टोकन लेना है, यदि टोकन खो गया तो 50 रुपए देना पड़ेंगे।
  • इससे मोबाइल व बैग जमा करने के लिए परीक्षा से पहले कॉलेज के बाहर काउंटर पर छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रही, कोई भी सामान अंदर नहीं ले जा सके।