अशोकनगर

84 हजार बच्चों को ढाई साल से गणवेश का इंतजार

सरकारी पढ़ाई का दंश...विद्यार्थियों पर नहीं गणवेश, फटी हुई पुरानी पहनने को मजबूर  

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Nov 28, 2022
सरकारी पढ़ाई का दंश...विद्यार्थियों पर नहीं गणवेश, फटी हुई पुरानी पहनने को मजबूर

अशोकनगर. शासन ने जिले के चार सीएम राइज स्कूलों के छात्र-छात्राओं को तो गणवेश की राशि भेज दी, लेकिन अन्य शासकीय स्कूलों के 84 हजार छात्र-छात्राओं को ढाई साल से इंतजार है। जिन्हें गणवेश मिलेगी भी या नहीं, इस पर भी अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। नतीजतन शासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं फटी व पुरानी गणवेश पहनने के लिए मजबूर हैं। शासकीय स्कूलों में पहली से आठवी कक्षा तक पढऩे वाले छात्रों को शासन से हर साल गणवेश दिए जाने की योजना है। वर्ष 2020-21 की गणवेश पिछले साल समूहों के माध्यम से बांटी गई थी, इससे कई छात्रों को छोटी गणवेश मिली थी जिसे वह पहन भी नहीं पाए तो कई को मिली ही नहीं। वहीं वर्ष 2021-22 की गणवेश अब तक नहीं मिली। इसके अलावा इस वर्ष की गणवेश की प्रक्रिया भी अब तक शासन स्तर से शुरु नहीं हुई। शासन ने सिर्फ जिले के चारों सीएम राइज स्कूलों के पहली से आठवी कक्षा तक के बच्चों के खातों में गणवेश की राशि भेजी। इससे शेष शासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं पुरानी फटी हुई गणवेश को ही सुई-धागे से सिलकर पहनने के लिए मजबूर हैं।
दो साल से साइकिल भी नहीं
छठवी कक्षा और नौंवी कक्षा में प्रवेश लेने वाले ग्रामीण क्षेत्र व स्कूल से ज्यादा दूर रहने वाले छात्र-छात्राओं को हर साल साइकिल वितरण की जाती थीं। लेकिन पिछले दो साल से छठवी व नौंवी कक्षा के छात्र-छात्राओं को साइकिल भी नहीं मिलीं। इस बार साइकिल मिलेंगी या नहीं, इसके बारे में भी अब तक कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है। नतीजतन छात्र-छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि छात्र-छात्राओं का सत्यापन किया जा रहा है और ज्यादातर स्कूलों का सत्यापन हो भी चुका है।
ये भी खास
शिक्षकों का कहना है कि पिछले साल छात्रों के खाते नंबर अपडेट कराकर मांगे गए थे और सीधे ही शासन स्तर से गणवेश की राशि डालने की बात कही थी, लेकिन राशि नहीं आई।
प्रत्येक गणवेश के 300 रुपए दिए जाते हैं और एक साल में छात्रों को दो गणवेश दी जाती है। इस बार राशि मिलेगी या गणवेश, इसके बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नही है।
दो साल पहले स्वसहायता समूहों से गणवेश तैयार कराई गई थीं। राष्ट्रीय ग्राणीण आजीविका मिशन के डीपीएम का कहना है कि इस बार समूहों में गणवेश तैयार नहीं हो रहीं।
छठवी व नौंवी कक्षा के छात्र-छात्राओं के साइकिल के लिए सत्यापन का काम चल रहा है। लेकिन विभाग का कहना है कि छात्रों को राशि मिलेगी या साइकिल यह स्पष्ट नहीं है।

Published on:
28 Nov 2022 01:04 am
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