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बारिश ने खोली व्यवस्थाओं की पोल

खस्ताहाल सड़कें बन  रही हैं परेशानी का सबब, कई सड़कों पर कीचड़ से समस्या

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Jagdeesh Ransurma

Jul 23, 2016

ashoknagar

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अशोकनगर. बारिश ने एक बार फिर नगर की सफाई व्यवस्थाओं पोल खोल दी। नालियों से पानी की निकासी न होने के कारण सड़कों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। खस्ताहाल और गड्ढों युक्त सड़कों ने मुसीबत को और बढ़ा दिया। नगर तथा आसपास के क्षेत्रों में गुरूवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात झमाझम के बाद शुक्रवार-शनिवार की रात जिले भर में बारिश हुई। बारिश का दौर शनिवार को भी जारी रहा, दिन भर रुक-रुक कर बारिश होती रही। बारिश ने जहां किसानों को खुशी दी, वहीं शहरवासियों की मुसीबत बढ़ा दी। खस्ताहाल और गड्ढों से भरी सड़कें लोगों के लिए मुसीबत बन गईं।

शांतिनगर से आरोन रोड पर बारिश ने लोगों का चलना तक मुश्किल कर दिया। मगरदा चौराहे तक पूरी सड़क दलदल में बदल गई।जिससे वाहन चालकों सहित ही पैदल चलने वाले लोगों को भी फिसलन का सामना करना पड़ा। सड़क पर वाहन रेंगकर चल रहे थे। जरा से लापरवाही बड़े हादसे का कारण बन सकती थी।

पुलिया के पास तो करीब 10-12 फुट में एक बड़ा गड्ढा है।जिसके कारण दो पहिया वाहन निकालने व पैदल चलने के लिए मात्र एक फुट की जगह ही बची है। नगरपालिका ने सड़क के गड्ढों को भरने के लिए चूरी डलवा दी थी। ये चूरी बारिश में बहकर यहां-वहां इकट्ठी हो गई।चूरी एकत्रित होने से कईजगहों पर ब्रेकर बन गए हैं। जिससे वाहनों के फिसलने और उछलकर अनियंत्रित होने का डर बना हुआ है। बारिश ने नगर की जल निकासी व्यवस्था की भी पोल खोल दी।

नालियों से पानी की निकासी न होने के कारण सभी सड़कों पर पानी भर गया। इंदिरा चौक से बिलाल मिल रोड, गांधी पार्क से मिलन तिराहा, विदिशा रोड, शांतिनगर मार्ग, अस्पताल चौराहे, गल्र्स स्कूल के सामने, रेलवे फाटक सहित निचली बस्तियों में भी पारी भर गया। गुरुद्वारे के पास सड़क भर भरा पानी दुकानों तक पहुंच गया था।खेतों में फिर भरा पानीझमाझम बारिश के कारण खेतों में फिर से पानी भर गया है। करीब एक सप्ताह तक बारिश रुकने के से किसानों को खेतों में भरा पानी निकालने का समय मिल गया था।

पानी से गलने की कगार पर पहुंची फसलों को नया जीवन मिला था।
अब खेतों में फिर से पानी भर गया है।हालांकि किसान इस बारिश से फसलों का लाभ बता रहे हैं और उनके चेहरे पर खुशी है।वहीं पिछले एक सप्ताह के अंदर बोईगई फसलों को भी इससे लाभ होगा।