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रोज बढ़ रहा भाड़ा: शहर में रेट कम तो किसान कोटा ले जा रहे धान, 20 दिन में 80 फीसदी बढ़ा भाड़ा

रेट अच्छी तो कोटा ही जा रहे किसान, इसलिए रोज बढ़ रहा है ट्रक का भाड़ा।

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price of paddy

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अशोकनगर. किसानों को इस बार धान बेचने कोटा जाना मंहगा पड़ रहा है। शहर की मंडी में रेट कम होने से किसानों को कोटा मंडी जाने की मजबूरी है, इससे ट्रक भाड़ा भी रोजाना बढ़ रहा है और पिछले 20 दिन में भाड़े में 80 फीसदी बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इसके बावजूद भी किसानों को समय पर ट्रक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
जिले में इस बार बड़े रकबे में धान की खेती हुई थी, इस बार उत्पादन भी अच्छा हुआ, लेकिन जहां मुंगावली व बहादुरपुर मंडी में रेटों में बहुत ज्यादा अंतर होने से किसानों ने इन दोनों मंडियों में धान ले जाना बंद ही कर दिया। वहीं अशोकनगर मंडी में भी कोटा की तुलना में कम रेट लग रही है। इससे जिले से रोजाना में बड़ी संख्या में किसान धान बेचने कोटा मंडी जा रहे हैं। किसानों के मुताबिक जहां पहले कोटा मंडी तक का ट्रक का भाड़ा 100 रुपए क्विंटल था, जो अब बढ़कर 180 रुपए क्विंटल तक पहुंच गया है।
रेट में 600 से 800 का अंतर, तो रोज जा रहे 30 ट्रक-
किसान शिवकांत शर्मा के मुताबिक अशोकनगर और कोटा मंडी में रेट में भारी अंतर है। कोटा की रेटों की तुलना में जिले में 600 से 800 रुपए क्विंटल तक कम रेट मिल रही है, जबकि कोटा में शनिवार को रेटों में करीब 200 से 300 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे प्रति क्विंटल रेट का अंतर एक हजार रुपए तक है। इससे किसान 180 रुपए क्विंटल तक भाड़ा देकर कोटा मंडी में धान बेचने जा रहे हैं। क्योंकि 180 रुपए भाड़ा लग जाने के बाद भी किसान को जिले की तुलना में कोटा में करीब 600 से 700 रुपए ज्यादा मिल रहे हैं। इसलिए जिले से रोज 30 ट्रक धान कोटा जा रही है।
रेट अच्छी तो तीन दिन इंतजार करने भी मजबूर-
किसानों का कहना है कि कोटा मंडी में अनाज की आवक बढऩे की वजह से गेट के अंदर प्रवेश करने में ही दो-दो दिन इंतजार करना पड़ रहा है, इससे धान बिकने मे ंपूरे दिन लग रहे हैं। किसानों का कहना है कि कोटा मंडी में रेट अच्छी होने की वजह से किसान तीन दिन रुकने के लिए मजबूर हैं। वहीं ट्रक संचालकों का कहना है कि तीन दिन मंडी में रुकने की वजह से भाड़े की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है।