
अशोकनगर। एम शिक्षा मित्र से शिक्षकों व अध्यापकों की ई अटेंडेंस लगाने के आदेश का शिक्षक अध्यापक संघर्ष संयुक्त मोर्चा ने विरोध जताया। जहां उन्होंने मंहगे मोबाइल और नेटवर्क की समस्या बताई और कहा कि जब पूरी दुनिया में ऑफिस समय में मोबाइल उपयोग पर रोक लगाई जा रही है तो हमें क्यों इसके उपयोग के लिए मजबूर किया जा रहा है। शिक्षकों को कहना है कि मोबाइल से अटैंडेंस लगवाकर शिक्षकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। कई बार मोबाइल में नेटवर्क नहीं होने से शिक्षकों को लंबा समय नेटवर्क ढूंढने में निकालना पड़ता है इससे स्कूल में शैक्षणिक कार्य बाधित होता है।
शिक्षकों ने असमर्थता जताई
बुधवार को संयुक्त मोर्चा ने कलेक्ट्र्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें एम शिक्षा मित्र के लिए एन्ड्रॉयड मोबाइल खरीदने से लेकर इसे चार्ज करने और चलाने तक में असमर्थता बताई। साथ ही कहा कि शिक्षक कई बार दो विभागों के बीच फंसा रहता है, कभी बीएलओ तो कभी राजस्व व शिक्षा विभाग में काम करता है, ऐसे में वह इस एप का कैसे इस्तेमाल कर पाएंगे। वहीं उन्होंने एप को लागू करने से पहले सभी तरह की तकनीकी समस्याओं का निराकरण करने की मांग की। इसमे शिक्षकों के दस संगठन शामिल थे।
अध्यापक बोले दो माह से नहीं मिला वेतन
वहीं संयुक्त मोर्चा ने दूसरा ज्ञापन कलेक्टर को दिया, जिसमें अपनी पांच सूत्रीय समस्याएं बताईं और कहा कि जिले के सभी कर्मचारियों को वेतन माह की एक तारीख को मिलने के कार्य को सख्ती से करने के निर्देश दिए जाएं, अध्यापकों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। वहीं क्रमोन्नति की अटकी फाईलों का निराकरण करने, समयमान वेतनमान, ग्राम पंचायतों के विभिन्न सर्वे से अध्यापकों को मुक्त करने की मांग की। शिक्षकों का कहना है कि शैक्षणिक कार्य छोड़कर इन कार्यों को करने से उन्हें पढ़ाई कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
Published on:
29 Mar 2018 01:27 pm
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