
रेलवे ट्रेक पर खड़े होकर ग्रामीणों ने रोकी कोटा-बीना ट्रेन!
अशोकनगर। लगतार हो रही परेशानी से निजाद के लिए जिले के ग्रामीणों ने एक ऐसा उपाय निकाला, कि जहां लंबे समय से सुनवाई नहीं होने के कारण परेशान हो रहे ग्रामीणों की तुरंत सुनवाई हुई। वहीं अधिकारियों ने मौके पर ही आदेश कर उन्हें राहत भी प्रदान की। जानकारों को अनुसार भले ही ग्रामीणों द्वारा उपाय के लिए की गए कार्य सही नहीं मानी जा सकती हो। लेकिन ग्रामीणों की इस कार्य का ही इनाम है कि लंबे समय से हो रही परेशानी से अब उन्हें निजाद मिल सकेगी।
दरअसल बारिश के मौसम के चलते प्रदेश के कई जिलों में आफत खड़ी हो गई है। एक ओर जहां लंबे समय से पानी की आशा लगाए हुए लोग बैठे थे, वहीं इस बार कुछ जिलों में इतनी ज्यादा बारिश हो गई कि लोग अब बारिश के कारण ही परेशानी का शिकार हो रहे हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के अशोक नगर की जहां राजे खेड़ा, नगउ खेडी व कटक्या गांव में इस बारिश के चलते जाने का ही रास्ता बंद हो गया। जिसके कारण इन तीनों गांवों के ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इसके बाद जब काफी देर तक रास्ता नहीं खुला तो ग्रामीणों ने एक ऐसा उपाय अपनाया कि हर कोई हक्काबक्का रह गया। दरअसल अंडरब्रिज में पानी भरने से गांव से निकलने का रास्ता बंद हुआ, तो गुस्साए ग्रामीण रेलवे ट्रेक पर खड़े हो गए। और कोटा-बीना ट्रेन को करीब आधा घंटे तक रोके रहे।
वहीं इसी दौरान इस ट्रेन में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी व एडीआरएम भी बैठे हुए थे। जिन्हें ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर अपनी समस्या बताई और कहा कि अंडर ब्रिज में पानी भर जाने से बारिश के पूरे मौसम उनके गांव का रास्ता बंद हो जाता है।
इस पर कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी व एडीआरएम ने जनरेटर रखवाकर इंजनों से पानी निकालने के निर्देश दिए। साथ ही अंडर ब्रिज में पाइप लगाकर पानी निकासी की व्यवस्था जल्दी कराने का आश्वासन दिया। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सीआरएस और एडीआरएम के ट्रेन में बैठे होने की ग्रामीणों को जानकारी थी, इसीलिए ग्रामीणों ने ट्रेन रुकते ही उनके पास पहुंचकर ज्ञापन दिया।
Updated on:
27 Jul 2018 08:06 pm
Published on:
27 Jul 2018 05:59 pm
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