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मिट्टी खोदने गई महिला की खदान में दबने से मौत, एक बच्ची घायल

दीपावली के मौके पर घरों की मरम्मत के लिए मिट्टी खोदने गई महिला की खदान में दबने से मौत हो गई। 

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Nitesh Tiwari

Oct 24, 2016

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अशोकनगर. दीपावली के मौके पर घरों की मरम्मत के लिए मिट्टी खोदने गई महिला की खदान में दबने से मौत हो गई। जिसके बाद पूरे मोहल्ले में शोक की लहर है और महिला के पति व बच्चों को रो-रो कर बुरा हाल है। हादसे में एक दस वर्षीय बच्ची भी घायल हो गई।जिसे समय रहते मिट्टी से निकाल लिया गया।थोड़ी भी देर होती तो उसकी भी मौत हो सकती थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार छह घरा मोहल्ला निवासी काशी बाई (40) पत्नि कमलसिंह विश्वकर्मा मोहल्ले की अन्य महिलाओं के साथ रविवार सुबह करीब 10.30 बजे छैला बाग के पास मिट्टी लेने गई थी। इसी दौरान वह ब्रज कुमारी (10) पुत्री बाबूलाल लोधी के साथ गड्ढे में अंदर चली गई। करीब चार फुट गहरी सुरंग में मिट्टी खोदते समय सुरंग धंस गई और दोनों मिट्टी के नीचे दब गईं।

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साथी महिलाओं ने तुरंत ही खदान की धंसी हुईमिट्टी को हटाना शुरू किया और मोहल्ले में सूचना भिजवाई।महिलाओं का शोर सुनकर पास ही खेत में काम रहे शेरसिंह सिक्ख भी फावड़ा आदि लेकर मौके पर पहुंच गए। दोनों करीब बीस मिनिट तक मिट्टी में दबी रहीं। हादसे में कोशी के सिर व हाथ-पैरों में चोट आई। उन्हें बाहर निकालकर तुरंत ही जिला अस्पताल पहुंचाया गया।जहां काशी बाईकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे भोपाल रैफर कर दिया गया। लेकिन वह जिले की सीमा के बाहर भी नहीं पहुंच सकी और रास्ते में ग्राम घाटबमुरिया के पास दम तोड़ दिया।


शेरसिंह की सूझबूझ से बच्ची की जान बच गई।दोनों को मिट्टी से बाहर निकालने के बाद अस्पताल पहुंचाने के लिए उन्होंने किसी वाहन के आने का इंतजार नहीं किया।वे दौड़कर मोहल्ले में गए और पड़ोसी का ऑटो मांगा। ऑटो चालक के न होने के कारण खुद ही ऑटो चलाकर ले आए।जिससे बच्ची को समय पर उपचार मिल गया।यदि उन्हें अस्पताल ले जाने में देर होती तो बच्ची की जान को भी खतरा हो सकता था।


खुशी-खुशी कर रही थी तैयारी
महिला के पति कमलसिंह ने बताया वे किराए के मकान में रहते हैं और मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। काशी बाई खुशी-खुशी त्यौहार की तैयारियों में जुटी थी। घर पर पुताईकर रही थी। तभी दीवारों की मरम्मत के लिए मिट्टी लेने चली गई और अब कभी वापस नहीं आएगी। इतना कहकर वह रो पड़े। उन्होंने बताया कि उनके सात बच्चे हैं और दो महीने बाद बड़ी बेटी की शादी होनी है। मृतिक के बच्चों भी अपनी मां के लिए फफक रहे थे और मोहल्ले में गम का माहौल था।


खतरनाक हो गई है खदान
जहां महिलाएं मिट्टी खोद रही थीं, वह एक खाली खेत है।लंबे समय से मिट्टी की खुदाई के चलते यहां एक बड़ा गड्ढा हो गया है और में छोटी-छोटी सुरंगे बना ली गई है।जो अब खतरनाक हो गईहै।इन्हीं में से एक सुरंग रविवार को धसक गई।मोहल्ले वालों ने बताया कि पहले भी यहां हादसे हो चुके हैं।एक व्यक्ति की जान भी मुश्किल से बची थी। साथियों ने समय रहते उसे बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचा दिया था।



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