पाकिस्तान में हिंसा की आशंका पाकिस्तान में 25 जुलाई से शुरू आम चुनावों को लेकर सियासी बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां नेता जनता को लुभाने के लिए अलग अलग बयानबाजी कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान प्रशासन को चुनावों में हिंसा का डर सता रहा है। हिंसा से निपटने को लेकर तैयारियां पुख्ता कर ली गईं हैं। इन्ही तैयारियों के मद्देनजर पेशावर के डिप्टी कमिशनर ने चाकचौबंद व्यवस्था के बारे में स्थानीय मीडिया को जानकारी दी। डिप्टी कमिशनर इमरान हामिद शेख ने बताया कि चुनावों के दौरान पैदा होने वाली किसी भी स्तिथि से निपटने के लिए वो तैयार हैं।
पेशावर में हालत खराब डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाएंगे। फिर भी अगर कोई आपातकालीन स्थिति होती है तो उसके लिए उनकी तैयारियां पुख्ता हैं। उन्होने बताया कि चुनावों के मद्देनजर ही अफगान शरणार्थियों को शहर में किसी भी गतिविधि के लिए रोक दिया गया है। गौरतलब है कि पहले भी कई हमले झेले चुके पेशावर में इस बार सुरक्षा इंतजामों को लेकर चौकसी और भी जयादा बढ़ा दी गयी है। 10 जुलाई 2018 को एक चुनावी रैली के दौरान हुए आत्मघाती हमले हुए थे जिसमें 22 लोग मारे गए थे। मृतकों में आवामी नैशनल पार्टी के उम्मीदवार भी शामिल थे।
डिप्टी कमिश्नर के अनुसार पेशावर में 1217 पोलिंग बूथ हैं, जिनमें से 655 पुरुषों के लिए और 517 महिलाओं के लिए बनाए गए हैं। इनमें से 45 पोलिंग ऐसे हैं जो पुरुष और महिला दोनों के लिए होंगे। सुरक्षा के लिहाज से ये सारे बूथ सीसीटीवी कैमरे से लैस होंगे। मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल पर भी बैन लगाया गया है।