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पीएम मोदी ने शी को दिया भारत आने का न्योता, अगले साल आएंगे चीनी राष्ट्रपति

एससीओ शिखर बैठक के लिए भाग लेने पहुंचे पीएम मोदी ने शनिवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की । इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

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नई दिल्ली। चिंगदाओ में एससीओ शिखर बैठक के लिए भाग लेने पहुंचे पीएम मोदी ने शनिवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की । इस दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्र से जुड़े कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में भारत और चीन के बीच कई समझौतों पर दस्तखत किये गए। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि दोनों देश लगभग साढ़े तीन हजार किलोमीटर लम्बी विवादास्पद सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए ।

पीएम ने दिया शी को भारत आने का न्योता

शंघाई सहयोग संगठन समिट में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन पहुंचे। शनिवार को ही चिंगदाओ शहर में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की औपचारिक मुलाकात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने जिनपिंग को साल 2019 में भारत की 'अनौपचारिक' यात्रा का न्योता दिया है। विदेश सचिव विजय गोखले ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि चीनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी का न्योता स्वीकार कर लिया है।

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गोखले ने बताया कि 'शनिवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात का नतीजा बेहतर रहा। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग 2019 में भारत की यात्रा करेंगे।'

आपसी संबंधों को मजबूत बनाएंगे भारत और चीन

मोदीा और जिनपिंग की बार-बार होने वाली मीटिंग को लेकर विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि यह मीटिंग दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के 'पीपल टू पीपल' सिस्टम का हिंसा है जिसके तहत उच्च राजनयिक स्तर पर दोनों देशों के आपसी सम्पर्कों को और बेहतर बनाया जाएगा। 'पीपल टू पीपल' सिस्टम के तहत दोनों दशों के राजनयिकों की बैठक इसी साल होगी।भारत की तरफ से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इसकी अगुआई करेंगी, जबकि चीन की ओर से स्टेट काउंसिल ऐंड फॉरन मिनिस्टिर वांग यी इसका नेतृत्व करेंगे।

भारत और चीन के बीच कई समझौते

चिंगदाओ में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्र से जुड़ी द्विपक्षीय मसलों पर बात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर दस्तखत हुए। दोनों पक्षों ने ब्रह्मपुत्र नदी पर जलविद्युत डेटा शेयर करने को लेकर दो द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए। गैर-बासमती चावल के निर्यात को चीन में विस्तारित करने पर एक समझौता किया गया। साथ ही भारत और चीन अफगानिस्तान में संयुक्त आर्थिक परियोजना पर काम शुरू करने के लिए सहमत हो गए हैं।

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इसके अलावा दोनों देशों ने व्यापार असंतुलन को दूर करने के कदमों पर भी चर्चा की। चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन भारतीय दवा कंपनियों को उच्च गुणवत्ता वाले दवा निर्यात शुरू करने के लिए पंजीकरण करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। चीन ने बाढ़ के मौसम के दौरान भारत के साथ डेटा साझा करने का वचन दिया है और सामान्य मौसम के दौरान नदी जल पारस्परिक रूप से साझा करने को तैयार हुआ है।