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ड्रैगन दक्षिण चीन सागर के कृत्रिम द्वीपों पर बढ़ा रहा है सैन्य ताकत, कई देशों ने जताई आपत्ति

तस्वीरों में कई लड़ाकू और गश्ती विमान, हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल दिखाई दे रही हैं।

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south china

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बीजिंग। दक्षिण चीन सागर में चीन लगातार अपनी दादागिरी दिखा रहा है। हाल ही में सैटेलाइट के द्वारा ली गई तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन कृत्रिम द्वीपों पर हथियारों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। तस्वीरों में कई लड़ाकू और गश्ती विमान, हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल दिखाई दे रही हैं।

चीन की ऐसी हरकतों के कारण कुछ देश खासा नाराज हैं इनमें ताइवान, वियतनाम, जापान, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस हैं। चीन का इन देशों से विवाद लगातार बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य बड़े देश चीन के खिलाफ आने को तैयार हैं।

क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजूबत चाहता है चीन

जापानी सरकार ने देश के रक्षा श्वेत पत्र 2020 में कहा था कि चीन स्थानीय समुद्रों में क्षेत्रीय दावे करने की अपनी कोशिशों को खत्म नहीं कर रहा है। चीन अपने प्रभाव का विस्तार करने और सामरिक वर्चस्व को बढ़ाने के लिए कोरोनो वायरस महामारी का भी उपयोग कर रहा है।

द्वीप पर बनाया सैन्य अड्डा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर बताया है कि मई और जून में स्प्रैटली द्वीप समूह में बनाए गए सैन्य अड्डे पर चीन ने केजे-500 एयरबॉर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट को तैनात करा है। वहीं दूसरी सैटेलाइट तस्वीरों में सूबी रीफ पर बने एयरबेस पर वाई-9 ट्रांसपोर्ट विमान और जेड-8 हैवी ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर को तैनात किया है। चीन ने कुछ माह पहले ही इस द्वीप के नजदीक एक बड़ा नौसैनिक अभ्यास भी करा था। इसमें चीन के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर लियाओनिंग संग उसके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ने भी भाग लिया था।