अमरीका के अनुसार चीन ने उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च पर सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है कि जब साइबर अटैक को लेकर चीन की भूमिका पर संदेह जाहिर किया गया हो।
पाकिस्तान के रेल मंत्री ने Nawaz Sharif को बताया भारतीय एजेंट, कहा- पीएम मोदी से करते हैं बात अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि एजेंसियों और मेडिकल संस्थानों साइबर हमले बढ़ रहे हैं। डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ ऐंड ह्यूमन सर्विसेज पर हर दिन ऐसे अटैक हो रहे हैं। दावे में कहा गया है कि इसका असर अमरीकी अस्पतालों, रिसर्च लैब, हेल्थ केयर प्रोवाइडर और फार्मा कंपनियों पर पड़ा है।
दो देशों पर शक अमरीका के अनुसार दुनिया में सिर्फ दो जगह ऐसी हैं जो इस विभाग पर इस तरह का हमला कर सकती हैं। ये इशारा रूस और चीन की ओर था। दरअसल कोरोना वायरस के कारण आज दुनिया में तरह—तरह के शोध हो रहे हैं। अमरीका में इन दिनों दजनों दवाओं पर परीक्षण जारी है। कोरोना के लिए दवाओं पर काम आखिरी चरण में पहुंच है। इनका आखिरी ट्रायल अभी बाकी हैै। वैक्सीन की रेस में अमरीका काफी आगे है।
दुनिया के पहले Hydrogen Fuel वाले यात्री विमान ने उड़ान भरी, वायु प्रदूषण को कम करने में कारगर अमरीकी विदेश मंत्री ने किया था सचेत बीते दिनों अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो का कहना था कि चीन के साइबर हमलों को अपने संसाधनो से बचाना बहुत जरूरी है। चीन की करतूत किसी से भी अभी तक छिपी नहीं है। कोरोना काल में अमरीका पर साइबर अटैक से चीन की चालबाजी पर सवाल उठ रहे हैं।