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प्रोजेक्ट DOVE: चीन का खतरनाक ‘पक्षी’ छीनेगा भारत का सुकून

चीन ने अपने इस नए पैंतरे को 'डव’ नाम दिया है। इसका यह नाम पक्षी जैसा दिखने की वजह से रखा गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर चीन ने अब तक करीब एक खरब से ज्यादा रुपए खर्च कर दिए हैं।

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प्रोजेक्ट DOVE: चीन का खतरनाक 'पक्षी' छीनेगा भारत का सुकून

नई दिल्ली। पड़ोसी देशों को परेशान करने का आदी चीन अब एक नया पैंतरा लेकर आया है। चीन ने भारत की सीमा से लगे शिनझियांग प्रांत में पक्षी जैसे दिखने वाले ड्रोन तैनात किए हैं। एक चीनी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक शिनझियांग में इस तकनीक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। गौरतलब है कि इसी शिनझियांग प्रांत में भारत और चीन के बीच का विवादित इलाका अक्साई चिन आता है। चीन ने अपने इस नए पैंतरे को 'डव’ नाम दिया है। इसका यह नाम पक्षी जैसा दिखने की वजह से रखा गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर चीन ने अब तक करीब एक खरब से ज्यादा रुपए खर्च कर दिए हैं।

...ये हैं डव ड्रोन की खासियतें

- लॉन्चिंग से पहले करीब दो हजार बार परीक्षण किया गया है।
- 40 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 30 मिनट तक उड़ सकते हैं।
- हर मशीन में हाई डेफिनेशन कैमरा, जीपीएस एंटीना, फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम लगा है।

...इसलिए खतरनाक हैं ये ड्रोन

- इन पक्षी रूपी ड्रोन्स को देखकर पता लगाना मुश्किल है कि ये ड्रोन है या पक्षी है।
- ये असली पक्षी की तरह ही हवा में उड़ सकते हैं, गोता लगा सकते हैं और पंख फड़फड़ा सकते हैं।
- शोधकर्ताओं के मुताबिक ये ड्रोन रडार की पकड़ में भी नहीं आएंगे।
- ये ड्रोन पक्षियों की गतिविधियों की 90 फीसदी तक नकल करने में सक्षम हैं।
- इनमें से बेहद कम आवाज निकलती है, जिसकी वजह से इसकी असलियत का पता लगाना बेहद मुश्किल है।

खतरा सिर्फ भारत को नहीं

जिस इलाके में ये पक्षी जैसे दिखने वाले ड्रोन तैनात हैं वहां से सिर्फ भारत ही नहीं मंगोलिया, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान की भी सीमा लगती है, हालांकि इनमें से पाकिस्तान चीन के मित्र देशों में शुमार है। मुस्लिम बहुल आबादी वाले इस प्रांत को चीन भी आतंक का गढ़ मानता आया है।