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भारत ने चीनी निवेश पर दिखाई सख्ती, सुरक्षा मंजूरी न मिलने पर WTO जाने की तैयारी में ड्रैगन

locationनई दिल्लीPublished: Jul 29, 2020 09:14:24 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

कंपनी को सुरक्षा मंजूरी देने से पहले उसके चीनी सुरक्षा प्रतिष्ठान (Chinese Security ) से संबंधों की पड़ताल हो रही है।
ड्रैगन भारत पर दबाव बना रहा है कि नियमों को लचीला बनाए (flexible rules) , कई कंपनियां प्रस्ताव वापस लेने की तैयारी में।

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चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर है।

बीजिंग। भारत और चीन के बीच सीमा तनाव ( Border tension between India and China) अब व्यापार में भी दिखने लगा है। देश में चीनी निवेश को लेकर सरकार पूरी तरह से मुस्तैद हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार चीनी कंपनियों पर कठोर शर्तें लागू होने पर ड्रैगन बौखला गया है। वह अब इस मामले में विश्व व्यापार संगठन (WTO) जाने की तैयारी कर रहा है।
चीनी कंपनियों को निवेश के लिए सुरक्षा मंजूरी नहीं मिल रही है। ड्रैगन भारत पर दबाव बना रहा है कि नियमों को लचीला बनाए। सुरक्षा मंजूरी में देरी की वजह से कई कंपनियां प्रस्ताव वापस लेने की तैयारी में हैें।
कठोर शर्तों को पूरा करने में सक्षम नहीं

ऐसा कहा जा रहा है कि चीनी कंपनियों को महसूस हो रहा है कि कि वे कठोर शर्तों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। भारत सरकार किसी भी कंपनी को सुरक्षा मंजूरी देने से पहले उसके चीनी सुरक्षा प्रतिष्ठान से संबंधों की पड़ताल कर रही है। चीन की चालबाजियों को भांपने के बाद भारत ने व्यापार के मोर्चे पर ज्यादा सख्ती दिखाने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि अप्रैल माह से ही चीन की कई कंपनियों को भारत मे निवेश को लेकर सुरक्षा मंजूरी नहीं मिल रही है।
भारत चीन से ठोस कदम उठाने को कह सकता है

भारत व्यापार के मोर्चे पर असंतुलन कम करने को लेकर ठोस कदम उठाना जारी रखेगा। व्यापार घाटे को कम करने के लिए भारत चीन से ठोस कदम उठाने को कह सकता है। वहीं अगर चीन भरोसा कायम करने को लेकर कोई ठोस कदम नही उठाता है तो उसके साथ संबंध और खराब हो सकते हैं।
द्विपक्षीय रिश्ते सुधर पाएंगे

विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा पर चीन को अपनी स्पष्टता बतानी होगी। इसी से द्विपक्षीय रिश्ते सुधर पाएंगे। गौरतलब है कि अप्रैल में भारत से सटे देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए पूर्व में सरकार की मंजूरी को जरूरी करने के बाद से चीन के लगभग 200 निवेश प्रस्ताव गृह मंत्रालय (एमएचए) से सुरक्षा मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इनको अभी तक मंजूरी नही मिली है।
गौरतलब है कि गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीन और भारतीय सैनिकों की झड़प के बाद से दोनों देशों में तनाव बरकरार है। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। सीमा पर अभी भी तनाव बरकरार है। कई मोर्चों पर चीनी सेनाएं अभी भी भारतीय सेनाओं को चुनौती दे रही हैं। ऐसे में भारत चीन पर व्यापार के जरिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
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