अमरीकी जलपोत ने नहीं किया अंतर्राष्ट्रीय जलसीमा का उल्लंघन gCaptain नाम की एक वेबसाइट ने पहले सबसे अमरीकी नेवी की ये तस्वीरें हासिल की थीं। अमरीकी सेना के एक सूत्र ने स्टार एंड स्ट्राइप्स को इस बात की पुष्टि भी की थी। ये घटना पिछले रविवार की बताई जा रही है। जारी की गई तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि चीनी युद्धपोत अमरीकी जहाज के बीच दूरी कितनी कम थी। अमरीकी जहाज ने चीनी जल सीमा का उल्लंघन भी नहीं किया था। वह तो गैवेन रीफ्स, जिस विवादित जगह पर चीन अपना दावा जताता रहा है, से भी दूर था। फिर भी चीन ने आक्रामकता का परिचय देती हुए अमरीकी जहाज का पीछा करने के लिए बीजिंग से युद्धपोत भेज दिया।
चीन ने कहा, बचाव के लिए भेजना पड़ा युद्धपोत लंजहोउ नाम का चीनी युद्धपोत अमरीकी जहाज का पीछा करते हुए उससे मात्र 45 यार्ड की दूरी पर आ गया था। अमरीकी नेवी ने यह भी दावा किया है कि डेकाटुर ने टकराव से बचने की कोशिश की। उधर, अमरीकी दावे को गलत बताते हुए बीजिंग ने कहा कि उन्होंने युद्धपोत भेजकर आक्रामकता का परिचय नहीं दिया, बल्कि अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए बचाव में चीन को यह कदम उठाना पड़ा।
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उत्तर कोरिया का दावा, दोस्ती की आड़ में हमला करने की साजिश में जुटा है अमरीका टकराव की असली वजह खरबों रुपए का समुद्री व्यापार अब इस संबध में दावा चीन का सच हो या अमरीका का, असलियत तो यह है प्राकृतिक संसाधनों के मामले में धनी साउथ चाइना सी पर प्रभुत्व की लड़ाई में चीन और अमरीका दोनों ही देश पीछे नहीं रहना चाहते। आप को बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर केवल चीन ही अपना अधिकार नहीं बताता, बल्कि विएतनाम, फिलिपीन्स, मलेशिया और ब्रुनेई जैसे कई देश भी अपना हक बताते रहे हैं। इसको लेकर उनमें आपस में लंबे समय से विवाद है। इस विवादित समुद्री इलाके पर अमरीका चीनी प्रभुत्व नहीं चाहता, क्योंकि खबरों रुपए का सालाना व्यापार करने वाले जलपोत यहां से होकर गुजरते हैं।