नवाज शरीफ ने क्या कहा था
आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 12 मई को मीडिया में दिए एक साक्षात्कार के दौरान यह स्वीकार किया था कि भारत में वर्ष 2008 मुंबई हमलों में पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने कहा था कि कई आतंकी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं और मुंबई आतंकी हमले (26/11) को रोका जा सकता था। बता दें कि इस हमले में करीब 166 भारतीय व विदेशी नागरिक मारे गए थे। नवाज शरीफ ने आगे अपने साक्षात्कार में कहा था कि ‘क्या हमें आतंकवादियों को सीमा पार जाने देना चाहिए और उन्हें मुंबई में 150 लोगों को मारने देना चाहिए? इसका मुझे स्पष्टीकरण दें।’ अपने साक्षात्कार में नवाज शरीफ ने साफ तौर पर मुंबई हमले में मारे गए लोगों का संदर्भ देते हुए 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया। इसमें से एक आतंकवादी को पकड़ा गया था और उसे फांसी दी गई थी। आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के गुनाहों को स्वीकार करते हुए कहा कि हमने खुद को अलग-थलग कर लिया है। तमाम कुर्बानियों के बावजूद हमारी बात को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के बयान को स्वीकार किया जा रहा है, लेकिन हमारा नहीं। हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।
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विपक्षी दलों ने की आलोचना
आपको बता दें कि नवाज शरीफ के बयान के बाद से पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल आ गया है। तमाम विपक्षी दलों ने नवाज शरीफ के बयान की आलोचना करते हुए कड़ी निंदा की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने नवाज शरीफ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें ‘सुरक्षा के लिए खतरा’ बताया। एक और जहां विपक्षी दल नवाज शरीफ के बयान की निंदा कर रहे हैं वहीं उनकी अपनी पार्टी पाकिस्तानी मुस्लिम लीग-नवाज के वरिष्ठ नेता और पूर्व आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने भी उनके बयान का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने मुंबई हमले के संदिग्धों के मुकदमे में देरी के लिए भारत को ही जिम्मेदार ठहराया। बता दें कि इस बयान के बाद पाकिस्तान में मचे बवंडर के बीच चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समति की बैठक भी बुलाई गई। इस बैठक में सेना के शीर्ष नेतृत्व, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सहित जॉइंट चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के चेयरमैन जनरल जुबेर मोहम्मद हयात व इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तार ने भाग लिया।