
इस्लामाबाद। मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ होने की बात कबूलने को लेकर पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सियासी प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर आ गए हैं। तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान ने उन्हें 'मॉडर्न मीर जाफर' तक कह डाला। इसके साथ ही यह भी कहा कि शरीफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं। नवाज के इस सच को स्वीकार करते बयान ने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की नीतियों की पोल खोली है।
क्यों निशाने पर आए नवाज?
दरअसल, नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि मुंबई पर हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था। जबकि पाकिस्तान लगातार इस सच्चाई से इनकार करता रहा है। शरीफ ने इंटरव्यू में कहा, 'आतंकी संगठन सक्रिय हैं। क्या हमें उन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों की हत्या की इजाजत दे देनी चाहिए? इसके बाद नवाज ने ट्विटर पर शरीफ की क्लास लगा दी।
'बेटे को बचाने के लिए देश के खिलाफ'
इमरान ने लिखा, 'शरीफ आज के जमाने के मीर जाफर हैं, जिसने निजी फायदे के लिए देश को गुलाम बनाने में अंग्रेजों की मदद की थी। नवाज गलत तरीके कमाए गए 300 अरब रुपए और विदेशों में चल रही बेटे की कंपनियों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मोदी की भाषा बोल रहे हैं।'
कौन था मीर जाफर?
मीर जाफर बंगाल के नवाज सिराजुद्दौला की सेनापति था। बताया जाता है कि प्लासी के युद्ध में जाफर ने नवाब को धोखा दे देकर ईस्ट इंडिया कंपनी से हाथ मिला लिया था। इस युद्ध में सिराजुद्दौला की हार हुई और अंग्रेजों को कब्जा करने का मौका मिल गया।
Published on:
13 May 2018 07:07 pm
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