
पाकिस्तान: 'तालिबान का गॉडफादर' सपुर्दे-खाक, रावलपिंडी में हुई थी हत्या
पाकिस्तान के पूर्व सीनेटर और तालिबान समर्थक नेता धर्मगुरु मौलाना समीउल हक को खैबर पख्तूनख्वा के अकोड़ा खट्टक नगर स्थित मदरसा के दारूल उलूम हक्कानिया में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। वे 82 साल के थे। उन्हें ‘तालिबान के गॉडफादर’ के रूप में जाना जाता रहा है। बता दें, कुछ अज्ञात हमलावरों ने शुक्रवार को रावलपिंडी स्थित उनके आवास पर धारदार हथियार से उन्हें मौत के घाट उताार दिया था। उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। इनमेंनेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के गवर्नर शाह फरमान और मुख्यमंत्री महमूद खान शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- जनाजे की नमाज उनके पुत्र मौलाना हामिदुल हक ने पढ़ाई। इसके बाद हक को दारूल उलूम हक्कानिया में उनके पिता की कब्र के बगल में दफना दिया गया। इस मौके पर65 सदस्यीय अफगान प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। गौर हो, समीउल कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-सामी (जेयूआई-एस) के अध्यक्ष थे।
सुरक्षा के लिए दारूल उलूम हक्कानिया और उसके आसपास स्थित विभिन्न स्थानों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। हक, दारूल उलूम हक्कानिया के भी प्रमुख थे। इसे पश्विमी मीडिया में ‘जिहाद का विश्वविद्यालय’ कहा जाता है। कई पाकिस्तानी और तालिबानियों के कई नेताओं ने यहीं से शिक्षा ली है।
इन लोगों में मुल्ला उमर भी शामिल है, जिसे मदरसे ने डाक्टरेट की मानद उपाधि दी थी। अभी तक किसी भी संगठन ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस ने कहा है कि हमलावरों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।
पुलिस के अनुसार- हमला शाम पौने सात बजे हुआ और हक के पेट, सीने, माथे और कान पर 12 बार वार किए गए।
उनके बेटे हामिदुल हक की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पिता हमले के समय अकेले थे। हामिदुल ने उनका पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और इसे इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ बताया।
पुलिस ने हक के ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। रावलपिंडी पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार- सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में लगता है कि हत्या में कम से कम दो लोग शामिल थे।
Published on:
03 Nov 2018 10:08 pm
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