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आतंकी हाफिज सईद नहीं लड़ेगा चुनाव, जमात-उद-दावा 200 से ज्यादा सीट पर उतारेगी शिक्षित उम्मीदवार

मुंबई में 26/11 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की पार्टी जमात-उद-दावा पाकिस्तान के आम चुनावों में 200 से ज्यादा उम्मीदवार खड़े करने जा रही है।

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आतंकी हाफिज सईद नहीं लड़ेगा चुनाव, जमात-उद-दावा 200 से ज्यादा सीट पर उतारेगी उम्मीदवार

इस्लामाबाद। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा का चीफ आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों में नहीं उतरेगा। हालांकि जमात-उद-दावा देशभर में राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर 200 से ज्यादा उम्मीदवार खड़ा करेगी। बता दें कि जमात-उद-दावा ने राजनीतिक दल अल्लाहू-अकबर तहरीक (एएटी) के नाम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। चुनाव आयोग में पंजीकृत इस दल का चुनाव चिह्न कुर्सी है। एएटी के प्रवक्ता अहमद नदीम ने कहा कि अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद और एएटी प्रमुख अहमद बरी आगामी चुनावों में एएटी के मंच पर संयुक्त रूप से अपने उम्मीदवार खड़े करने पर सहमत हो गए हैं। सीटों के बंटवारे के समझौते के मुताबिक, अल्लाहू-अकबर तहरीक 200 से अधिक शिक्षित उम्मीदवार खड़े करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या हाफिज सईद की संसदीय चुनाव लड़ने की प्लानिंग है, इस पर प्रवक्ता ने कहा, ‘नहीं, हाफिज सईद की अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। एमएमएल पहली बार चुनावों में उतर रही है और उम्मीद करते हैं कि हम संसद में जाएंगे। हमें उम्मीद है कि लोग हमारे उम्मीदवारों का चयन करेंगे।’

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अल्लाहू-अकबर तहरीक के बैनर तले चुनावी मैदान में जेयूडी
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े जमात-उद-दावा (जेयूडी) ने अपना राजनीतिक दल मिल्ली मुस्लिम लीग (एएमएल) शुरू किया लेकिन इसे अभी तक पाकिस्तान निर्वाचन आयोग में पंजीकृत नहीं किया गया है। आम चुनाव के पास आने के साथ ही इस समूह ने एक निष्क्रिय राजनीतिक दल अल्लाहू-अकबर तहरीक (एएटी) के नाम से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है जो चुनाव आयोग में पंजीकृत है। कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने चुनाव आयोग से नामांकन पत्र ले लिए हैं और वे एएटी के मंच से अपने उम्मीदवार खड़े कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जेयूडी को जून 2014 में अमरीका ने विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। जेयूडी प्रमुख पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण एक करोड़ डॉलर का ईनाम रखा गया।

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