
थाईलैंड में कई राम मंदिर मौजूद हैं।
बैकॉक। रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) की तरह एक और आयोध्या थाइलैंड (Thailand) में भी बसती है। थाइलैंड एक ऐसा देश है जहां पर राम को सांस्कृति धरोहर की तरह माना जाता है। यहां पर कई प्राचीनकाल राममंदिर हैं और एक शहर है 'अयुत्थया' (Ayutthaya, Thailand) जो स्थानीय भाषा में अयोध्या का समानार्थी है।
15वीं सदी में 'अयुत्थया' थाईलैंड की राजधानी की तरह विकसित हुआ था। यहां पर कई राम मंदिरों का निमार्ण हुआ। बाद में बर्मीज सेना के आक्रमण ने इस शहर को तबाह कर दिया। मंदिर के साथ कई मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया।
क्या है शहर का इतिहास
गौरतलब है कि इतिहास को गौर से देखा जाए तो दक्षिण पूर्व एशिया के देश थाइलैंड में एक वक्त पर राम राज ही था। माना जाता है कि चक्री वंश के पहले राजा की उपाधि ही राम प्रथम थी। थाईलैंड में आज भी यहीं राजवंश मौजूद है। जब यहां पर बर्मा का शासन हटा तो देश ने दोबारा से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को समेटना शुरू कर दिया।
इस दौरान रामायण (Ramayana) को बड़ी प्रतिष्ठा मिलनी शुरू हुई। यहां पर रामलीला मंचन शुरू हुआ। 1797 से 1807 के बीच शुरू हुआ यह मंचन आज भी कायम है। महाकाव्य राम कियेन स्थानीय भाषा में रामायण का ही नाम दिया गया है। थाईलैंड में राजा सहित लगभग पूरी आबादी राम केयन के 18वीं शताब्दी के संस्करण को राष्ट्रीय ग्रंथ की तरह मानती है।
दोबारा बसा शहर
थाईलैंड में लोकतंत्र (Democracy) 1932 में स्थापित हुआ था। इसके बाद 1976 में थाईलैंड की सरकार ने शहर के पुर्ननिर्माण का काम शुरू कर दिया। यहां के जंगलों को हटाकर पुराने अवशेषों की मरम्मत कराई गई। शहर के बीचों-बीच एक प्राचीन पार्क मौजूद है। यहां बिना शिखर वाले खंभे, दीवारें, सीढ़ियां और बुद्ध की प्रतिमाएं मौजूद हैं। थाइलैंड सरकार ने सभी धरोहरों को काफी हिफाजत से रखा है। यहां पर 14वीं शताब्दी के प्राचीन साम्राज्य के स्मृति चिह्नों वाले मंदिरों से अवशेष मिले हैं।
थाइलैंड में भी सरयू नदी
भारत के राम जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट ने साल 2018 में थाईलैंड में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण की घोषणा की। इसके निर्माण की शुरुआत भी हो चुकी है। यह राममंदिर शहर के किनारे प्रसिद्ध सोराय नदी (भारत में अयोध्या की सरयू नदी के किनारे बसी हुई है) के तट पर तैयार किया जा रहा है। गौरतलब है कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक को महेंद्र अयोध्या के नाम से भी पुकारा जाता है। इसे इंद्र की बनाई महान अयोध्या बताया जाता है।
Updated on:
05 Aug 2020 10:01 am
Published on:
05 Aug 2020 09:59 am
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