
India-China Tension: China deployed 20 thousand soldiers on LAC, Indian brigade also took over
बीजिंग। पूर्वी लद्दाख सीमा ( Eastern Ladakh ) के गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में भारत-चीन के सैनिकों के बीच बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों में अब लगातार तनाव गहराता जा रहा है। दोनों देशों में जारी तनाव के बीच चीन ( China ) ने लद्दाख में वास्तविक नियत्रंण रेखा ( LAC ) पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी है। वहीं भारत ने भी चीन के हर हमलों का जवाब देने के लिए मोर्चा संभाल लिया है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA ) ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के पास LAC पर अपने 20,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। वहीं भारत ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी दो डिवीजनों को तैनात कर दिया है।
शीर्ष सरकारी सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी सेना ( Chinese Army ) ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में LAC के साथ लगभग दो डिवीजनों ( 20,000 के करीब ) को तैनात किया है। चीन ने एक और डिवीजन (यानि दस हजार सैनिक) को उत्तरी शिनजियांग प्रांत ( Northern Xinjiang Province ) में तौनात किया है, जो कि लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी पर है। चीनी सेना का अतिरिक्त डिविजन 48 घंटे में भारतीय पोजिशन पर पहुंच सकता है।
भारत ने भी संभाला मोर्चा, दो डिवीजन तैनात किए
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारत ने चीन की हर हरकत का जवाब देने के लिए कमर कस लिया है और अपने दो डिवीजन को LAC पर तैनात कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तिब्बत क्षेत्र ( Tibet region ) में आम तौर पर चीन की दो डिविजन रहती हैं, लेकिन इस बार उन्होंने भारतीय चौकियों के खिलाफ 2,000 किलोमीटर दूर करीब दो अतिरिक्त डिविजन को तैनात किया है। लिहाजा भारत ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के आस-पास के स्थानों से कम से कम दो डिवीजनों को तैनात किया है। इसमें एक आरक्षित माउंटेन डिविजन भी शामिल है जो हर साल पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपने युद्ध अभ्यास करती है।
इसके अलावा भारतीय सेना ( Indian Army ) ने गलवान घाटी, पेट्रोलिंग प्वाइंट-15, पैंगॉन्ग त्सो और फिंगर एरिया में तैनाती बढ़ा दी है। चीन से हर स्तर पर मुकाबला के लिए एक ब्रिगेड जितने जवानों की तैनाती की गई है। भारतीय सेना ने रणनीति प्वाइंट्स पर अपनी तैनाती बढ़ाने के साथ ही टैंक ( Tank ) और हथियारों को फ्रंट लाइन ( Front Line ) पर पहुंचा रही है।
तनाव कम होने के आसार कम
सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में दोनों देशों में तनाव कम होने के आसार कम नजर आ रहे हैं। चूंकि जहां एक ओर सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। भारी संख्या में हथियार सैनिक तैनात किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आर्थिक मोर्चे पर भी लड़ाई शुरू हो गई है।
ऐसे में ये सितंबर-अक्टूबर तक सीमा पर तैनाती जारी रहने की उम्मीद है जब तक की ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी बड़े पैमाने पर शुरू नहीं हो जाती। इसके अलावा आर्थिक व कूटनीतिक ( Economic and diplomatic ) स्तर पर बातचीत के जरिए दोनों देशों में के बीच तनाव को कम किया जा सकता है।
Updated on:
01 Jul 2020 04:32 pm
Published on:
01 Jul 2020 04:10 pm
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