
भारत और चीन के बीच सीमा का तनाव बढ़ा।
बीजिंग। पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलावन घाटी (Galwan valley) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा है। इस मामले को लेकर भारत की स्थिति जहां बेहद मजबूत है, वहीं चीन को लेकर कुछ ही देशों के साथ आने उम्मीद है। कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन पर यूरोपीय देशों के साथ अमरीका कई आरोप लगाता रहा है। इन देशों का कहना है कि चीन की वजह से ये लाइलाज महामारी पूरी दुनिया में फैल चुकी है।
बीते सोमवार को चीनी आक्रमण (China Attack) के चलते भारत के 20 फौजियों की मौत हुई। जिसके बाद एक बार फिर दोनों देशों के बीच सीमा विवाद (Border Dispute) को लेकर तनाव जारी है। अब सवाल ये है कि युद्ध की स्थिति में भारत का साथ कौन-कौन से देश देने वाले हैं। वहीं चीन के साथ कौन दोस्ती निभाएगा।
साल 1962 के युद्ध के समय चीन ने जीत की परिस्थिति में युद्धविराम घोषित कर दिया था। इसके देखते हुए भारत के खिलाफ चीन का पलड़ा भारी माना जा रहा है। मगर अमरीका के बॉस्टन और वाशिंगटन में एक अध्ययन के अनुसार पहाड़ी इलाकों की भौगोलिक स्थितियों में भारत बेहतर स्थिति में है। ऐसे में अगर युद्ध होता है तो भारत चीन पर भारी पड़ेगा।
युद्ध तो भारत और चीन में होगा। मगर दोनों देश अकेले नहीं होंगे। दुनिया के कई देश इन दोनों में से किसी एक का साथ देंगे। रिपोर्ट के मुताबिक चीन हिमालय क्षेत्र में अपनी क्षमता पर युद्ध लड़ सकता है। उसके पास आधुनिक हथियारों के साथ एक बड़ी फौज हैं। मगर कूटनीति दृष्टी से देखें तो भारत के अन्य देशों से संबंधों के कारण उसका साथ कई शक्तियां दे सकती हैं।
सैन्य अभ्यास में साथी रहे ये देश
अमरीका के अलावा, जापान, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर चुके हैं। ऐसे में रिपोर्ट की माने तो ये देश भारत का साथ दे सकते हैं। भारत इन देशों से सहयोग की अपेक्षा कर सकता है।
कौन दे सकता है चीन का साथ?
वहीं चीन के साथ पाकिस्तान और रूस जैसे साथी आ सकते हैं। पाकिस्तान और रूस को चीन का रणनीतिक साथी माना जा रहा है लेकिन रूस ने अब तक अपनी तरफ से कोई खुलासा नहीं किया है। इसे लेकर अब तक संशय बरकरार हैै। इसके अलावा, उत्तर कोरिया और मिडिल ईस्ट के किसी देश का चीन को मिलने के भी कयास हैं। अमरीका के सहयोगी कई देश चीन के खिलाफ हैं। इन स्थितियों मे अगर अमरीका युद्ध में भारत का साथ खुलकर देता है, तो अमरीकी प्रभाव वाले कई देश चीन के खिलाफ खड़े नजर आएंगे।
Updated on:
19 Jun 2020 01:29 pm
Published on:
19 Jun 2020 12:43 pm
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