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Pakistan: लाल मस्जिद की सुरक्षा को लेकर पुलिस की घेराबंदी, कब्जा जमाने की धमकी

locationनई दिल्लीPublished: Jul 20, 2020 11:11:38 am

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

2007 की घटना से सबक लेते हुए रविवार को भारी पुलिस बल ने लाल मस्जिद (Lal Masjid) की घेराबंदी कर दी।
मस्जिद के पूर्व इमाम व मौलाना अब्दुल अजीज (Maulana Abdul Aziz) ने सरकार को दी धमकी, करीब दो महीने पहले मस्जिद को खाली कर दिया था।

pak lal masjid

पाकिस्तान की लाल मस्जिद।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ( Pakistan) की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) में स्थित लाल मस्जिद (Lal Masjid) विवादों में घिर गई है। मस्जिद के पूर्व इमाम और मौलाना अब्दुल अजीज (Abdul Aziz) ने सरकार के नियंत्रण वाली इस मस्जिद पर कब्जा जमाने की धमकी दी है। इस धमकी के बाद 2007 की घटना से सबक लेते हुए रविवार को भारी पुलिस बल ने मस्जिद की घेराबंदी कर दी है।
अजीज ने दी है कब्जे की धमकी

अजीज का एक करीबी सहयोगी मौलाना इदरीस ने बीते हफ्ते इस्लामाबाद के एक मदरसे के बाहर से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया था। इसके बाद से अजीज ने मस्जिद पर कब्जा जमाने की धमकी दी है। अजीज को मस्जिद के इमाम पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
मस्जिद के बाहर भारी पुलिस बल तैनात

पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, अजीज के मस्जिद पर कब्जा करने के कदम को रोकने के लिए शुक्रवार को सुरक्षा को लेकर उपाए किए गए। उन्होंने कहा कि हमें खुफिया रिपोर्ट मिली है, जिसमें कहा गया था कि अजीज मस्जिद लौटने की कोशिश कर सकता है।
अजीज में हुआ था समझौता

सरकार और अजीज के बीच एक समझौते के तहत करीब दो महीने पहले मस्जिद को खाली कर दिया था। इससे पहले, वह मस्जिद वापस आ गया था और कुछ हफ्तों तक मस्जिद में रहा था। 15 जुलाई को अजीज का सहयोगी इदरिस जामिया मस्जिद के बाहर से गायब हो गया था। अजीज ने उसे मदरसे में निर्माण कार्य की निगरानी का काम दिया था।
2007 में लाल मस्जिद में घुसी सेना

अजीज 2007 तक लाल मस्जिद का इमाम-ए आज़म (मुख्य इमाम) था। उस साल मस्जिद को बंधक बनाए बदमाशों के खिलाफ चले सैन्य अभियान में बच निकलने की कोशिश के दौरान उसे गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। हालांकि, उसे बाद में छोड़ दिया गया। इमाम के तौर पर उसकी बहाली नहीं की गई थी।
पहले भी भेजा जा चुके हैं जेल

लाल मस्जिद पर सरकार का मालिकाना हक है। वहां मौलवी की तैनाती सरकारी स्तर से होती है। मौलाना अजीज को 1990 में उस समय इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) का मौलवी बनाया गया था, जब उसके पिता और लाल मस्जिद के मौलवी मौलाना अब्दुल्ला की हत्या कर दी गई थी। 2004 में वजीरिस्तान में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए पाकिस्तानी सेना के खिलाफ फतवा जारी करने पर अजीज को पद हटा दिया गया था। उसे जेल भेज दिया गया था। हालांकि 2009 में जेल से रिहा होने के बाद अजीज को दोबारा मौलवी बनाया गया था। लेकिन 2014 में फिर हटा दिया गया था।
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