नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने दावा किया है कि काठमांडू के एक होटल में उन्हें हटाने के लिए बैठकें रखी गई थीं। इसमें तीन पूर्व पीएम सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल थे।
गौरतलब है कि सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता पुष्पा कमल दहल प्रचंड, माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल के साथ-साथ पूर्व डिप्टी पीएम बामदेब गौतम की एक बंद डोर स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में बोलते हुए, ओली से इस्तीफा देने की मांग की और कहा कि वे हर क्षेत्र में विफल रहे। प्रचंड ने कहा कि भारत के खिलाफ ओली का आरोप गलत था। “भारत नहीं, यह मैं ही हूं जो आपके इस्तीफे की मांग कर रहा है। आपको इस तरह की गैरजिम्मेदार टिप्पणी का सबूत देना चाहिए।
स्थायी समिति के एक सदस्य के अनुसार, पार्टी के नेताओं ने ओली पर मित्रवत देश के खिलाफ टिप्पणी असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार बताया है। अपने आरोपों का बचाव करने की कोशिश करते हुए, पीएम ने कहा, “भारतीय मीडिया में गोपनीय बैठक के विवरण कैसे आ रहे हैं?”
रविवार को अपने आधिकारिक आवास पर एक समारोह में बोलते हुए, ओली ने कहा था कि भारत कुछ नेपाली नेताओं के साथ मिलकर अपनी सरकार लाने की कोशिश कर रही है। भारतीय मीडिया की रिपोर्ट ने इसे साबित कर दिया है।
‘हम मांग रहे इस्तीफा, भारत नहीं’ कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में पुष्प कमल दहल(Pushpa Kamal Dahal) सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने बैठक में पीएम ओली से इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार की विफलताओं को देखकर इस मांग को सामने रखा गया है। दहल ने ओली के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि पार्टी पीएम का इस्तीफा मांग रही है न की भारत।
कुर्सी बचाने के लिए नेपाली सेना का सहरा प्रचंड का कहना है कि पीएम ओली अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ओली पीएम पद के लिए नेपाली सेना का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि हमने सुना है कि पीएम ओली सत्ता में बने रहने के लिए पाकिस्तान, अफगानी या बांग्लादेशी मॉडल को अपनाने की कोशिश में लगे हैं। इस तरह के प्रयास नेपाल में सफल नहीं होने वाले।