16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा, देशद्रोह के मामले में थे दोषी

- राजद्रोह के मुकदमे में सुनाई गई फांसी की सजा - फिलाहल दुबई में हैं परवेज मुशर्रफ

2 min read
Google source verification
parvez_mushraff.jpeg

इस्लामाबाद। इस वक्त की बड़ी खबर पाकिस्तान से आ रही है, जहां पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई गई है। परवेज मुशर्रफ पर देशद्रोह का एक मुकदमा चल रहा था, जिसमें मंगलवार का दिन फैसले का दिन था। पाकिस्तान के विशेष अदालत ने मुशर्रफ को फांसी की सजा सुनाई है।

दुबई में रह रहे हैं परवेज मुशर्रफ

आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ फिलाहल पाकिस्तान में नहीं हैं। उन्होंने काफी समय पहले ही देश छोड़ दिया था और वो फिलाहल दुबई में रह रहे हैं। आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ पर साल 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था। केस के एक साल बाद ही 31 मार्च, 2014 को उन्हें दोषी ठहरा दिया गया था। मुशर्रफ पर ये मामला साल 2007 का है, जब उन्होंने नवंबर में पाकिस्तान में आपातकाल लगा दिया था।

इससे पहले परवेज मुशर्रफ ने उच्च हाईकोर्ट (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष मुकदमे की लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था. उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला है.

क्या है पूरा मामला

इस्लामाबाद की स्पेशल कोर्ट ने 31 मार्च, 2014 को देशद्रोह के एक मामले में मुशर्रफ को दोषी करार दिया था। वह पाकिस्तान के इतिहास में पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनके विरुद्ध संविधान की अवहेलना का मुकदमा चला। दरअसल, साल 2013 के चुनावों में जीत के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) सरकार में आई। सरकार आने के बाद पूर्व सैनिक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ संविधान की अवहेलना का मुकदमा दायर किया गया था। पूर्व सैन्य राष्ट्रपति के खिलाफ एक गंभीर देशद्रोह मामले की सुनवाई करने वाली विशेष न्यायालय के चार प्रमुख बदले गए थे।

दुबई कैसे गए परवेज मुशर्रफ

परवेज मुशर्रफ केवल एक बार विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए जब उन पर आरोप लगाया गया था। उसके बाद से वो कभी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस बीच मार्च 2016 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मुशर्रफ विदेश चले गए। तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी मुस्लिम लीग (नून) ने एक्जिट कंट्रोल लिस्ट से उनका नाम हटा लिया था जिसके बाद उन्हें देश छोड़कर जाने की अनुमति दे दी गई थी। तब से वह दुबई में है।