एशिया सोसाइटी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में एक सवाल का जवाब देते हए कुरैशी ने कहा- ‘भारत बात क्यों नहीं करना चाहता, साफ है कि राजनीति, चुनावी वजह है…वे मतदाताओं से डरे हुए हैं। वे मझधार में फंसे हुए हैं…।’ उन्होंने कहा, ‘चुनाव पास हैं उन्हें (भारत सरकार) लगता है कि इसका विपरीत असर हो सकता है।’
गौर हो, भारत ने कहा है कि पाकिस्तान जब तक आतंकियों को समर्थन देना बंद नहीं करता, तब तक उसके साथ कोई बात नहीं होगी।
एक अन्य सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि- ‘काश हम मुस्कराते. लेकिन (मैं) भारी तनाव (स्वराज के चेहरे पर) देख सकता हूं। और जब वे गईं, वे मीडिया से भी बात करने को इच्छुक नहीं थीं। मैं दबाव देख सकता हूं…’
कुरैशी ने कहा- ‘और कुछ नहीं, राजनीति, आंतरिक राजनीति ही वजह है (जिस कारण से भारत पाकिस्तान से बात नहीं करना चाहता।)’ उन्होंने कहा कि यह देखना दुखद था कि एक देश के कारण एक क्षेत्रीय मंच (सार्क) में यह सब हुआ।
बता दें, मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से मिलेंगे। कुरैशी ने कहा कि- ‘आज भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। इस पर हमें कोई मलाल नहीं है। किंतु हमें लगता है पाकिस्तान ऐसा सहयोगी है जो हमेशा अमेरिका के साथ खड़ा रहा है।’