
pm modi visit
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दक्षिण पूर्व एशिया के तीन महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए हैं। रक्षा और अंतरिक्ष के क्षेत्रों में कुछ महत्वपूर्ण समझौतों के साथ साथ इन देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री की यह यात्रा अतिशय महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पहले इंडोनेशिया जा रहे हैं पीएम
मोदी का पहला पड़ाव इंडोनेशिया होगा। यह दक्षिण पूर्वी क्षेत्र का सबसे बड़ा देश और एक भारत का एक करीबी समुद्री पड़ोसी है। इंडोनेशिया न केवल भारत के करीबी पड़ोसियों में से है बल्कि भौगोलिक रूप से भी भारत के बहुत करीब है।भारत के अंडमान द्वीप समूह और इंडोनेशिया के एशे प्रांत के बीच दूरी 80 समुद्री मील से अधिक नहीं है। बीते कुछ सालों से भारतीय नौसेना के जहाजों ने इंडोनेशियाई बंदरगाहों के नियमित दौरे किए हैं और दोनों देश हिन्द महासगार क्षेत्र में संयुक्त गश्त लगा रहे हैं।
क्या हासिल होगा इंडोनेशिया दौरे से
भारत हिन्द महासागर में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए इंडोनेशिया के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीपों तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है। इसको लेकर भारत और इंडोनेशिया के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हो सकता है। इसके अतिरिक्त भारत यहां बंदरगाह और आर्थिक क्षेत्र में निवेश करना चाहता है और यदि यह समझौता पीएम मोदी की वर्तमान यात्रा के दौरान किया जाता है, तो यह मोदी सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में लिया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की यह पहली इंडोनेशिया यात्रा है। यात्रा के दौरान मोदी इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे।
महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है इंडोनेशिया
भारत दक्षिण एशियाई देशों के बीच इंडोनेशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और समग्र रूप से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 18.13 अरब डॉलर था। दोनों देशों का उद्देश्य 2025 तक दो-तरफा व्यापार 50 बिलियन डॉलर तक बढ़ाना है।
इंडोनेशिया के बाद मोदी मलेशिया के नव निर्वाचित प्रधान मंत्री महाथिर मोहम्मद के साथ बैठक के लिए मलेशिया जाएंगे।
सिंगापुर भी जाएंगे पीएम मोदी
मोदी अपने दक्षिण पूर्व एशिया दौरे के आखिरी चरण में सिंगापुर जाएंगे, जहां वह सिंगापुर में शांगरीला वार्ता के वार्षिक सम्मेलन में एक भाषण देंगे। यह संवाद सिंगापुर सरकार के सहयोग से लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज द्वारा आयोजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त मोदी कौशल, विकास, शहरी नियोजन और कृत्रिम बुद्धि के क्षेत्रों में भारत-सिंगापुर भागीदारी को बढ़ाने संबंधी कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।

Updated on:
29 May 2018 02:07 pm
Published on:
29 May 2018 01:54 pm
बड़ी खबरें
View Allएशिया
विदेश
ट्रेंडिंग
