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यरुशलम में दूतावास खोले जाने के विरोध में तुर्की ने उठाया बड़ा कदम, अमरीका और इजरायल से राजदूतों को बुलाया वापस

locationनई दिल्लीPublished: May 15, 2018 05:52:53 pm

Submitted by:

Anil Kumar

तुर्की ने यरुशलम में अमरीकी दूतावास खोले जाने के विरोध में बड़ा फैसला लेते हुए अमरीका और इजरायल से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है।

Turkey's President Tayyip Erdogan

नई दिल्ली। तुर्की ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमरीका और इजरायल से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। तुर्की ने यह कदम अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद उठाया है। सोमवार को अमरीका ने इजरायल के तेल अवीव से अपने दूतावास को स्थानांतरित कर जेरुसलम में खोला था। तुर्की ने यरुशलम में अमरीकी दूतावास के विरोध में यह बड़ा फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उपप्रधानमंत्री बकिर बोजदाग ने सोमवार को अंकारा में कैबिनेट की एक बैठक के बाद कहा, “तुर्की ने तेल अवीव व वाशिंगटन के राजदूतों को परामर्श के लिए वापस बुला लिया है।”

हिंसक झड़प में अबतक 55 फिलिस्तीनीयों की मौत

आपको बता दें कि सोमवार को इजरायली सुरक्षा बलों और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच गाजा पट्टी सीमा पर हुए हिंसक झड़प और विरोध प्रदर्शन में 55 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद बोजदाग ने कहा, “आज का दिन मुस्लिमों व इस्लामिक देशों के इतिहास में खूनी सोमवार के रूप में दर्ज होगा।” उन्होंने कहा कि अमरीका ने यरुशलम में दूतावास खोलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णयों का उल्लंघन किया है।

जेरुसलम में अमरीकी दूतावास खुलने से पहले हिंसक झड़प, 55 लोगों की मौत, 2400 से अधिक घायल

राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इजरायल को बताया आतंकवादी राष्ट्र

इधर राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने सोमवार को कहा कि देश ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है। एर्दोगन ने लंदन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “हम अपने फिलिस्तीनी भाइयों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने लिए कल से तीन दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित करते हैं।” राष्ट्रपति ने दोहराया कि इजरायल एक आतंकवादी राष्ट्र है। एर्दोगन ने इन हत्याओं को नरसंहार बताया। उन्होंने कहा कि 18 मई को इंस्ताबुल में एकजुटता के प्रतीक के तौर पर एक बड़ी रैली आयोजित होनी है।

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