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सूर्य देव को जल चढ़ाने से चमक जाएगी सोई हुई किस्मत, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य को अर्घ्य देते समय कुछ ऐसी बातें हैं जिनका खास ध्यान रखना होता है। अगर सूर्य को अर्घ्य देते हुए ये गलतियां हो जाती हैं तो भगवान प्रसन्न होने के बजाय क्रोधित हो जाते हैं।

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 Sun God

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उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। हम सब बचपन से अपने घर में देखते आ रहे है कि दादी, नानी रोजाना सुबह उगते हुए सूर्य को जल जरूर देती हैं। सूर्य को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है रोज सुबह तांबे के लोटे से इन्हें अर्घ्य देना। शास्त्रों के अनुसार, सूर्य को अर्घ्य देते समय कुछ ऐसी बातें हैं जिनका खास ध्यान रखना होता है। अगर सूर्य को अर्घ्य देते हुए ये गलतियां हो जाती हैं तो भगवान प्रसन्न होने के बजाय क्रोधित हो जाते हैं। सूर्य को शांति व शालीनता प्रदान करने का प्रतीक माना गया है। इसलिए सूर्य को जल चढ़ाते हुए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हर रोज सूर्य को जल चढ़ाने के क्या फायदें हैं, आइए जानते है।

महाभारत में कर्ण रोज करते थे सूर्य पूजा
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर हो उन्हें हर रोज सूर्य को जल देना चाहिए। इससे उनका आत्म विश्वास मजबूत होता है। सूर्य को जल देने से समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होती है। सूर्य को जल देते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ रखें। महाभारत ग्रंथ के अनुसार कर्ण रोज सुबह सूर्य पूजा करते थे। सूर्य को अर्घ्य देते थे। कई कथाओं में बताया गया है कि भगवान श्रीराम भी रोज द‌िन सूर्य को जल चढ़ाकर पूजा करते थे।

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ऐसे चढ़ाएं सूर्य को जल.....
- सूर्यदेव को जल चढ़ाने के लिए रोज सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ देना चाहिए। स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर रखना चाहिए।
- लोटे में जल के साथ ही लाल फूल, कुमकुम और चावल भी जरूर डालना चाहिए।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को जरूर देखना चाहिए।
- पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।
- ध्यान रखें जल चढ़ाते समय जमीन पर गिरा हुआ आपके पैरों तक नहीं पहुंचना चाहिए। किसी ऐसी जगह से सूर्य को जल चढ़ाएं, जहां से सूर्य को अर्पित किया गया किसी के पैरों में न आए।
- जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप करते रहना चाहिए।

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जल चढ़ाते समय न करें ये गलतियां
- सूर्य को जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सुबह-सुबह का ही होता है।
- जल चढ़ाते समय जूते-चप्पल नहीं पहनना चाहिए। नंगे पैर सूर्य को जल चढ़ाएं।
- जल चढ़ाने के बाद ध्यान रखें वह पानी आपके पैरों में नहीं आना चाहिए।
- इन बातों का ध्यान नहीं रखने से अशुभ प्रभाव भी हो सकता है।

सूर्य को जल देने के फायदे...
— ज्योत‌िषशास्‍त्र में सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है। इसलिए आत्म शुद्ध‌ि और आत्मबल बढ़ाने के लिए न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देना चाहिए।
— सूर्य को न‌ियम‌ित जल देने से शरीर ऊर्जावान बनता है और कार्यक्षेत्र में इसका लाभ म‌िलता है।
— अगर आपकी नौकरी में परेशानी हो रही है तो न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देने से उच्चाध‌िकारियों से सहयोग म‌िलने लगता है और मुश्क‌िलें दूर हो जाती हैं।
— सूर्य को जल देने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना बेहतर रहता है।
— सूर्य को जल देने से पहले जल में चुटकी भर रोली म‌िलाएं और लाल फूल के साथ जल दें। इसके बाद जल देते समय 7 बार जल दें और सूर्य के मंत्र का जप करें।