
Gupt Navratri 2024: माता का घोड़े पर आगमन कहीं खुशी, कहीं गम के संकेत, जानें गुप्त नवरात्रि में क्या करें और क्या नहीं
हिंदू धर्म के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मातारानी की पूजा प्रत्यक्ष नवरात्र में की गई पूजा से अधिक फलदायी सिद्ध होती है। इस नवरात्र में मातारानी की पूजा करने वाला इसे न तो किसी को बताता है और न ही इसमें किसी की सहायता ली जाती है। इसी कारण मातारानी की पूजा करने का फल भी अधिक मिलता है। मनचाहा फल मिलता है। खास बात है कि हर महाविद्या अपने स्वरूप के अनुसार भक्तों को फल देती हैं।
मान्यता है कि हर नवरात्रि मां दुर्गा धरती पर आती हैं और नौ दिन तक भक्तों के बीच रहकर उनकी पूजा स्वीकार करती हैं और फिर अपने लोक को वापस लौटती हैं। खास बात यह है कि मां दुर्गा किसी न किसी वाहन से धरती पर आती हैं और किसी वाहन से ही अपने लोक को लौटती हैं। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा अश्व से धरती पर आएंगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब माता घोड़े पर सवार होकर आती है तो देश दुनिया में उपद्रव और अराजकता देखने को मिलती है। इससे जनता में असंतोष बढ़ता है। वहीं वर्षा की अधिकता होगी जो फसल के लिए किसानों के लिए शुभ होगा।
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गुप्त नवरात्रि में आप व्रत रख रहे हैं तो आपको अपनी क्षमता के आधार पर कुछ ग्रहण करने का संकल्प लेना चाहिए। कुछ लोग फलाहार करते हैं तो कुछ एक समय अन्न का भोजन भी करते हैं। हालांकि आपको इस दौरान सामान्य नमक, प्याज, मांस, लहसुन, अंडा इत्यादि का सेवन करने से बचना चाहिए। व्रत में आप सेंधा नमक, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा इत्यादि का उपयोग कर सकते हैं। वहीं जो लोग व्रत नहीं भी कर रहे हैं, वे भी प्याज, मांस इत्यादि से दूरी बनाकर रखें। एक तरह से गुप्त नवरात्र में भी सामान्य नवरात्र की तरह ही खाने-पीने के नियम लागू होते हैं।
Updated on:
06 Jul 2024 01:32 pm
Published on:
06 Jul 2024 01:31 pm
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