
Chaturmas 2024: चातुर्मास में क्या करें और क्या न करें, चातुर्मास में जरूर करें यह विशेष काम
हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चातुर्मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। दूसरे देवी-देवता भी योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए इस समय को साधना और आत्म-संयम के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। आइये जानते हैं चातुर्मास 2025 के विशेष नियम और इन 4 महीनों में क्या करें और क्या न करें।
चातुर्मास में लोगों को संयमित जीवन जीने पर ध्यान देना चाहिए। इस दौरान दही, अचार, हरी सब्जियां और मूली आदि खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा चातुर्मास में सगाई, मुंडन, शादी, नामकरण संस्कार, नए काम की शुरुआत, दुकान, मकान की खरीद और गृह प्रवेश आदि भी नहीं कराना चाहिए। इन चार महीनों में तामसिक भोजन जैसे कि मांस, मछली, अंडा और शराब को हाथ नहीं लगाना चाहिए। तांबे और लोहे के बर्तन में भोजन न करें तो अच्छा।
इस दौरान यज्ञोपवीत धारण करते हैं। इस समय आप साधुओं के साथ बैठकर तपस्या कर सकते हैं। कुछ लोग इस दौरान व्रत भी रखते हैं और केवल एक ही समय भोजन करते हैं या फलाहार लेते हैं। चातुर्मास में मौन रखने का भी बहुत महत्व है। इस 4 महीने में दूसरे की संपत्ति का लालच नहीं करना चाहिए। न ही किसी की निंदा और न क्रोध करना चाहिए। चातुर्मास 2025 में गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान पुण्यफल देने वाला रहेगा। इस समय भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, शिव परिवार की पूजा अर्चना शुभ फल देने वाली होगी।
चातुर्मास में क्या करें
देवशयनी एकादशी (आषाढ़ शुक्ल एकादशी) से देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल एकादशी) के 4 माह के समय में आध्यात्मिक चर्चा, व्रत जप तप पर ध्यान देना चाहिए। चातुर्मास 2025 यानी चौमासे में सात्विक जीवन जीने पर ध्यान देना चाहिए। इन 4 महीने में जलाशयों में तीर्थ का गुण आ जाता है, इसलिए जलाशयों में स्नान का पुण्यफल मिलता है। प्रतिदिन दो बार स्नान करना चाहिए। चातुर्मास में सादे बिस्तर पर शयन करना चाहिए। पत्तल में भोजन करें तो अच्छा।
वर्ष 2025 में चातुर्मास 6 जुलाई को शुरू हो रहा है और 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी के पहले तक रहेगा।
Updated on:
01 Jul 2025 11:07 am
Published on:
04 Jul 2024 04:13 pm
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