
दान (PC: GEMINI GENERATED)
सनातन धर्म में दान को अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। हिंदू परंपरा में जीवन के चार पुरुषार्थ बताए गए हैं— धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इनमें धर्म को सर्वोच्च माना गया है, क्योंकि धर्म के बिना न तो अर्थ की प्राप्ति संभव है, न काम की पूर्ति और न ही मोक्ष। धर्म के पालन के अनेक मार्ग हैं, जिनमें दान (Daan) एक प्रमुख और प्रभावशाली साधन है।
दान करने से न केवल धर्म की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान भी होता है। शास्त्रों में आयु रक्षा, स्वास्थ्य लाभ और ग्रह पीड़ा से मुक्ति के लिए दान को अचूक उपाय बताया गया है। अलग-अलग वस्तुओं का दान अलग-अलग प्रकार के लाभ देता है।
अनाज का दान जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं होने देता। शुभ अवसरों पर निर्धन व्यक्ति को बिना पका हुआ अनाज दान करना विशेष फलदायी माना गया है।
धातुओं का दान सामान्य नहीं, बल्कि विशेष परिस्थितियों में किया जाता है।
ध्यान रखें—फटे या पुराने कपड़े दान की श्रेणी में नहीं आते। दान हमेशा अच्छे और मौसम के अनुसार वस्त्रों का ही करें।
यदि दान दिखावे के लिए किया जाए—फोटो खिंचवाना, सोशल मीडिया पर पोस्ट करना—तो वह निष्फल हो जाता है। साथ ही, कुंडली के शुभ ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का दान नुकसानदायक हो सकता है।
Published on:
22 Dec 2025 07:09 am
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