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दान देने के अलग-अलग महत्व, होता है कष्टों का निवारण

अन्नदान, वस्त्रदान और धनदान यह सभी दान इंसान को भाग्यवान बनाते हैं

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नई दिल्ली। अगर आप भीतर से बसंत की तरह होंगे, तो आप प्रसन्न व उल्लास से भरपूर होंगे। किसी को आपको बताना नहीं पड़ेगा कि आपको कब देना है और कब लेना है। दान करने से मन और कर्म दोनों उत्तम होते हैं। मान्यताओं के मुताबिक इसका सीधा असर इंसान के भाग्य पर पड़ता है। अगर आपके भीतर इंसानियत जिंदा होगी, तो आप वहां अवश्य देंगे, जहां देने की ज़रूरत होगी।

अगर आपके भीतर इंसानियत जिंदा होगी, तो आप वहां अवश्य देंगे, जहां देने की ज़रूरत होगी। अन्नदान, वस्त्रदान और धनदान यह सभी दान इंसान को भाग्यवान बनाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग दान के लाभ भी अलग-अलग होते हैं।

ये हैं दान देने के अलग-अलग महत्व...

धातुओं का दान
धातुओं का दान करने से विपत्तियां टल जाती हैं। यह उसी व्यक्ति को दान करें, जो इसका प्रयोग करें।

वस्त्रों का दान
वस्त्र दान करने से आर्थिक स्थिति हमेशा उत्तम रहती है। कपड़े आप वैसे ही दान करें, जैसे खुद पहनते हैं। पुराने और फटे वस्त दान ना करें।

अनाज का दान
अनाज के दान से जीवन में अन्न का अभाव नहीं होता है। अगर अनाज का दान बिना पकाए करेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

तिल और घी का दान
मृत्यु और भय पर विजय पाने के लिए तिल का दान करें। वहीं शारीरिक बीमारियों से ग्रस्त हैं तो घी का दान करें।

गुड़ का दान
शिवपुराण के अनुसार गुड़ का दान करना सबसे अधिक लाभकारी होता है। इससे आपके घर में भोजन की कमी नहीं आती है।

दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के फल भी नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस पुण्य कर्म में समाज में समानता का भाव बना रहता है और जरुरतमंद व्यक्ति को भी जीवन के लिए उपयोगी चीजें प्राप्त हो पाती है।