
Karwa Chauth 2020
नई दिल्ली। करवा चौथ का त्यौहार जितने नजदीक आ रहा है महिलाएं उतनी ही तेजी से इसकी तैयारियों में जुट चुकी है। इस त्हार को खास बनाने के लिए वो कपड़े से लेकर श्रृगांर की सभी चीजों को ध्यान से जुटाने में लगी हुई है। क्योंकि करवा चौथ व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए सबसे बड़ा त्यौहार है। वो अपने पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को रखती हैं। लेकिन अब इस त्यौहार को केवल सुहागिन महिलाए ही नही बल्कि कुवारी लड़किया भी रखना पसंद करती है। आजकल तो कॉलेजों में भी कपल्स के बीच करवा चौथ की खूब धूम देखने को मिलती है। इस व्रत में पत्नी रात को चांद देखकर ही करवा चौथ का व्रत खोलती हैं लेकिन कुवांरी लड़कियों को इस व्रत को करने वाले नियम दूसरे है। कुंआरी कन्याओँ को व्रत खोलते समय चांद नहीं बल्कि तारा को देखकर अपना व्रत खोलना पड़ता है। जी हां करवा चौथ व्रत के लिए कुवांरी लड़कियों के लिए नियम काफी अलग हैं। जानें और किस तरह के नियमों को पालन करती है कुवांरी लड़कियां..
सरगी की जगह खाए फल, मेवे
कुंवारी लड़कियों को करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत नही रखना चाहिए। क्योकि उन्हें न तो सास की सरगी मिल सकती ना ही चांद की पूजा। इसलिए लड़कियों को उस दौरान किसी देवी-देवता का ध्यान करते हुए पूजा करना चाहिए और प्रसाद के रूप में फल चढ़ाकर उसे ही खा लेनी चाहिए।
निर्जला की जगह रखें निराहार व्रत
निर्जला व्रत विवाहित महिलाएं रख सकती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियों को निराहार व्रत रखना चाहिए।
शिव-पार्वती की करें पूजा
कुंवारी लड़कियों को करवाचौथ वाले दिन शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा व्रत को खोलते समय चांद की जगह तारे को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त करना चाहिए। उन्हें चलनी का प्रयोग करने की भी जरूरत नहीं है। वह बिना चलनी के तारों को जल से अर्घ्य देकर पूजन करें और व्रत का परायण करें। चांद को देखकर व्रत पूर्ण करने का नियम केवल सुहागन स्त्रियों के लिए है। इसके साथ कुवारी लड़कियां शिव और पार्वती की अराधना करके मनचाहे वर की कामना करेंगी तो उनकी इच्छा जरूर पूरी होती है। यदि आपका कोई मंगेतर है या जिसे आप प्रेम करती है उसकी तस्वीर को देखकर भी अपनी व्रत तोड़ सकती है।
Updated on:
28 Oct 2020 01:59 pm
Published on:
28 Oct 2020 01:08 pm
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