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Mars in Kundli: जन्म कुंडली में मंगल शुभ है या अशुभ, ऐसे पहचानें लक्षण और कर लें ये जरूरी उपाय

Mars in Kundli Auspicious or inauspicious, Try these remedies: पत्रिका.कॉम के इस लेख में हम आपको बता रहे हैं आपकी जन्म कुंडली में मंगल किस अवस्था में हैं और कैसे प्रभाव आपको मिल रहे हैं, साथ ही यह भी कि आपके साथ जो हो रहा है, वे बातें भी मंगल की शुभ या अशुभ स्थिति का लक्षण हो सकती हैं। नैसर्गिक रूप से मंगल न तो क्रूर होता है और न ही मासूम। उसका भला-बुरा होना जन्मकुंडली में उसकी स्थिति पर ही निर्भर करता है।

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Sanjana Kumar

Apr 29, 2023

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Mars in Kundli Auspicious or inauspicious, Try these remedies: नव ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह की विशेषता है कि वह या तो शुभ फल देते हैं या फिर अशुभ फल देते हैं, लेकिन कभी मंदे या मध्यम नहीं रहते। इस गृह की शुभता या अशुभता दोनों ही अव्वल दर्जे की होती है। यदि मंगल की शुभ दृष्टि रहती है तो वह बहुत ही अच्छी होती है और यदि अशुभ दृष्टि हो तो, उससे बुरा कुछ नहीं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में हम आपको बता रहे हैं आपकी जन्म कुंडली में मंगल किस अवस्था में हैं और कैसे प्रभाव आपको मिल रहे हैं, साथ ही यह भी कि आपके साथ जो हो रहा है, वे बातें भी मंगल की शुभ या अशुभ स्थिति का लक्षण हो सकती हैं। नैसर्गिक रूप से मंगल न तो क्रूर होता है और न ही मासूम। उसका भला-बुरा होना जन्मकुंडली में उसकी स्थिति पर ही निर्भर करता है।

कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति

- कुंडली के किसी भी एक घर में सूर्य के साथ यदि बुध भी हो तो, मंगल शुभ माना जाता है।
- कुंडली में यदि सूर्य-शनि की युति हो रही हो, तो मंगल अशुभ माना जाता है।
- शनि-राहु या शनि-केतु जन्म कुंडली में एक ही घर में बैठे हों तो मंगल शुभ फल देने वाला होता है।
- दो शत्रु गृह एक ही घर में बैठे हों जैसे बुध और केतु। ऐसे में भी मंगल शुभ रहता है।
- 3, 4 या 8वें भाव में चंद्र-शुक्र, चंद्र-मंगल, शुक्र-मंगल या चन्द्र-मंगल-शुक्र तीनों हो, तो इस स्थिति में भी मंगल शुभ फल देने वाला होता है।
- चन्द्र 1, 4, 7 या 10वें घर में से किसी भी घर में हो और सूर्य 6ठे घर में हो तो, मंगल शुभ फल देने वाला होता है।
- सूर्य, चन्द्र या बृहस्पति 3, 4, 8, 9वें घर में हो। मंगल के मित्र सूर्य, चन्द्र, बृहस्पति उसकी सहायता कर रहे हों तो भी, मंगल शुभ हो जाता है।

कुंडली में मंगल की अशुभ स्थिति
- जब मंगल के मित्र गृह सूर्य, चन्द्र, बृहस्पति, मंगल की सहायता न करते हों तो, मंगल अशुभ फल देने वाला हो जाता है। इसके अलावा जन्म कुंडली में निम्न गृह योग हो तो भी मंगल अशुभ होता है।
- यदि सूर्य 5वें या 9वें घर में केतु के साथ हो तो, मंगल अशुभ हो जाता है।
- यदि सूर्य 6ठे या 12वें घर में राहु के साथ हो तो मंगल अशुभ फल देता है।
- यदि सूर्य, शुक्र के साथ 7वें घर में हो तो मंगल अशुभ फल देता है।
- यदि सूर्य 10वें घर में शनि के साथ हो तो, मंगल अशुभ फल देता है।
- यदि सूर्य, बुध के साथ बारहवें में हो तो मंगल अशुभ फल देता है।
- सूर्य 1 या 8वें घर मेंं मंगल के साथ हो, तो मंगल अशुभ फल देता है।
- चन्द्र और बृहस्पति यदि 3,4,8वें घर में न हों तो वे मंगल की सहायता नहीं कर पाते।
- यदि 3, 4, 8वें घर में से किसी एक घर में मंगल हो और शेष दो घरों में बुध और केतु हो तो भी मंगल अशुभ हो जाता है।

मंगल अशुभ हो तो देता है ऐसे परिणाम
* संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति बनती है।
* व्यक्ति को रक्तसे जुड़ी बीमारियां होती हैं।
* किसी मुकदमे में फंसने की स्थिति आती है।
* आत्मविश्वास और साहस अत्यधिक कमजोर पडऩे लगता है।
* हिंसक स्वभाव व्यक्ति पर हावी होने लगता है।
* कर्जे की स्थिति आ जाती है।
* वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आने लगती है।
* भाई से हमेशा विवाद होने लगता है।

शुभ मंगल के लक्षण

* व्यक्ति को बड़े पद या लीडर की जिम्मेदारी मिलती है।
* व्यक्ति के साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
* वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
* सैन्य अधिकारी बनने की संभावना ज्यादा रहती है।
* कर्जे से व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है।

ये भी जानें
- आपको बता दें कि शुभ मंगल के देवता हनुमान जी हैं। और अशुभ मंगल के देवता भूत-प्रेत होते हैं। मंगल की शांति-पूजा, दान आदि के माध्यम से लग्न को सक्रिय और बलवान बनाया जा सकता है।

मंगल अशुभ हो तो करें ये काम
- मंगलवार के दिन उपवास रखें।
- मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
- शहद, सिंदूर, मसूर की दाल बहते जल में प्रवाहित करें।
- अपने भाई की सेवा करें।
- शुद्ध चांदी के आभूषण पहनें।

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