
New Year 2025 Astrology: ग्रह गोचर का 2025 में बड़ा प्रभाव पड़ेगा, इस आर्टिकल में जानिए क्या असर होगा
New Year 2025 Astrology: जयपुर के प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार हर ग्रह निर्धारित समय में अपनी राशि बदलते हैं जहां सबसे जल्दी चंद्रमा अपनी राशि बदलता है तो सबसे धीमी चाल शनि की होती है। शनि ढाई साल में राशि बदलते हैं, राहु केतु करीब 18 महीने, जबकि गुरु ग्रह को पारगमन के लिए करीब 13 महीने का समय लगता है।
इस तरह साल 2025 ग्रह गोचर के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि नए साल में धीमी चाल चलने वाले शनि, राहु केतु और गुरु ग्रह राशि बदलते हैं। इस तरह इन ग्रहों के राशि परिवर्तन का असर लोगों पर लंबे समय तक पड़ेगा। आइये जानते हैं इन ग्रह गोचर का लोगों पर क्या असर पड़ेगा।
Shani Gochar 2025: भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार नए साल 2025 में कर्मफलदाता शनि देव 29 मार्च 2025 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई की राशि है। शनि देव जब इस राशि में गोचर करेंगे तो आध्यात्म बढ़ेगा। रचनात्मक अभिव्यक्ति भी बढ़ेगी।
इस समय सरकारों को दीर्घकालिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा जो कि समाज के अंतिम व्यक्ति की मदद करें। दूसरों की मदद करें। शनि देव का यह गोचर सरकारों को स्वास्थ्य जैसी चीजों पर ध्यान देने के लिए मजबूर करेगा।
लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे और आध्यात्मिक विकास की चीजों को लेकर समाज के लोग जागरूक होंगे। व्यावहारिक कार्यों और कर्तव्य को संतुलित करना होगा, भावनाओं के साथ आपको कर्म भी करना होगा।
Rahu Gochar: डॉ अनीष व्यास के अनुसार नए साल 2025 में राहु 18 मई को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे जो कि आपके कर्मों के परिणाम को दर्शाता है। यह राशि बदलाव की राशि है। भविष्य से जुड़ी राशि है। जब कुंभ राशि में राहु प्रवेश करेगा तो पुरानी कुछ प्रथाएं नष्ट होंगी।
नई तकनीक लोग अपनाएंगे। नए विचारों की खोज करेंगे। कुछ नए आविष्कार भी हो सकते हैं। सामाजिक परिवर्तन होगा और आईटी फील्ड में बहुत तेजी से सरकार का निवेश बढ़ सकता है।
अगर आपके व्यक्तिगत जीवन की बात की जाए तो आप अब पुरानी कुछ चीजों से बाहर निकल कर कुछ अलग सोचने वाले हैं और आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित होंगे। कुंभ राशि में राहु का गोचर एक नया सामाजिक दृष्टिकोण लेकर आएगा।
Ketu Gochar: डॉ. अनीष व्यास के अनुसार केतु 18 मई को सिंह राशि में गोचर करेगा जो कि सूर्य की राशि है और नेतृत्व की राशि है। सिंह राशि में जब केतु प्रवेश करेगा तो लोगों का अहंकार, अभिमान बढ़ सकता है। उनकी मान्यताओं पर उनका विश्वास और मजबूत होगा।
आपको यह ध्यान रखना होगा कि आंतरिक शक्ति की सफलता बेहद आवश्यक है। आपको ध्यान और शक्ति की उपासना करनी होगी। भौतिक सफलता के प्रति जो आपका लगाव है उसे आपको छोड़ना होगा।
भौतिक सुख सुविधाओं के प्रति आपको कम आकर्षित होना चाहिए। सिंह राशि में जब केतु का गोचर होगा तो सरकारें एक संतुलित दृष्टिकोण विकसित कर सकती है जो व्यक्तिगत लाभ के बजाय दूसरों की सेवा पर केंद्रित रहेगा।
Guru Gochar 2025: भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार गुरु का गोचर 14 मई 2025 को मिथुन राशि में होगा। जो बुध ग्रह की राशि है। संचार की राशि है। तीसरे भाव की राशि है तो इसके बाद लोग नई चीज सीखेंगे। गुरुओं की कद्र होगी और लोग अपने ज्ञान को दूसरों के साथ बाटेंगे। यह समय नए विचारों और यात्राओं का होगा।
आप अंदर से कुछ खुला हुआ महसूस करेंगे। मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर सामाजिक संपर्क और बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ाता है लेकिन ध्यान केंद्रित रखना स्वयं पर यह भी बहुत आवश्यक है।
अगर आप अपना व्यक्तिगत विकास करना चाहते हैं, शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। अपना कम्युनिकेशन अच्छा करना चाहते हैं ,अपना सोशल सर्किल बढ़ाना चाहते हैं, सामाजिक नेटवर्क उसके लिए विस्तार का समय है।
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डॉ. अनीष व्यास के अनुसार ग्रह 2025 के प्रभाव से व्यापार में तेजी आएगी। देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी। प्राकृतिक घटनाएं होगी। भूकंप आने की संभावना है। तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं। बस और रेलवे यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है।
बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है। शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे। सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा।
Grah Gochar 2025: भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार इस समय हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट और दूर करती है।
महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।
Updated on:
15 Dec 2024 04:55 pm
Published on:
15 Dec 2024 04:54 pm
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